रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने क्रीमिया को स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता देने वाले आदेश-पत्र पर 17 मार्च 2014 को हस्ताक्षर किए. इस हस्ताक्षर से क्रीमिया के रूस में विलय का रास्ता साफ हो गया है.
क्रीमिया में जनमत-संग्रह 16 मार्च 2014 को कराया गया. इस जनमत-संग्रह में 97 प्रतिशत मतदाताओं ने उक्रेन से अलग होने के पक्ष में मतदान किया. क्रीमिया की संसद ने युक्रेन से स्वतंत्र होने की घोषणा की और रूस में शामिल होने का अनुरोध किया.
100 सदस्यीय सदन में उपस्थित 95 प्रतिनिधियों ने इस दस्तावेज को स्वीकृति दी. इस दस्तावेज में कहा गया है कि दस्तावेज की स्वीकृति के साथ ही क्रीमिया में युक्रेन का कानून नहीं चलेगा और फरवरी 2014 में रूस समर्थित राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को सत्ता से हटाने के बाद से युक्रेन द्वारा लिए गए सभी फैसलों को माना नहीं जाएगा.
क्रीमिया की संसद के अनुसार प्रायद्वीप में युक्रेन की सभी सम्पत्तियों का राष्ट्रीयकरण किया जाएगा.
क्रीमिया के स्थानीय प्रधानमंत्री सरगेई अकसियोनोव के अनुसार 30 मार्च 2014 से इस क्षेत्र को मास्को के सीमा- क्षेत्र में प्रवेश करना है.
यूरोपीय संघ और अमरीका ने इस जनमत-संग्रह को अवैध बताते हुए रूस और उक्रेन के 21 अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिए.
पृष्ठिभूमि
उक्रेन में कई महीनों तक जारी प्रदर्शनों के बाद राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच भागकर रूस चले गए थे. इसके बाद, पिछले महीनें के आखिर में रूस-समर्थित बंदूकधारियों ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया.
क्रीमिया 1954 से ही उक्रेन का हिस्सा रहा है, लेकिन यहां की आबादी का एक बड़ा हिस्सा रूसी मूल के लोगों का है.

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