केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय ने सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति शिवराज वी पाटिल की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति का गठन 9 दिसंबर 2010 को किया. इस समिति का कार्य वर्ष 2001-09 के दौरान टू-जी स्पेक्ट्रम आवंटन की विभिन्न प्रक्रियाओं में कथित अनियमितता के आरापों की जांच करना तथा अनियमितताओं से बचने के उपाय सुझाना हैं. इस समिति को टू-जी स्पेक्ट्रम आवंटन से संबंधित रिकॉर्ड मांगने और दूरसंचार विभाग (डॉट) के किसी अधिकारी को बुलाने का अधिकार है. इस समिति को चार सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपनी है.
आरोप है कि पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए राजा के कार्यकाल में विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में सरकार को 1.76 लाख करोड़ का नुकसान हुआ था. पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए राजा ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित अनियमितता के आरापों के कारण 14 दिसंबर 2010 को केंद्रीय दूरसंचार मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.
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