संयुक्त राज्य अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ़ स्टेट द्वारा 19 जून 2015 को कंट्री रिपोर्ट ऑन टेररिज्म-2014 (आतंकवाद-2014 पर राष्ट्रीय रिपोर्ट) जारी की गयी. यह रिपोर्ट वर्ष 2014 में विश्व भर में हुई आतंकवादी घटनाओं पर प्रकाश डालती है.
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014 में विश्व भर में 13500 आतंकवादी आक्रमण हुए जिनमें लगभग 33,000 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. वर्ष 2013 में 10,000 हमलों में 18,000 लोग मारे गये थे.
प्रमुख बिंदु
वर्ष 2014 में हुए आतंकवादी हमलों का कारण इराक, अफ़ग़ानिस्तान तथा नाइजीरिया में आतंकी गतिविधियों का बढ़ना है.
अधिकतर हमलों में इराक के इस्लामिक स्टेट तथा लेवांत (आईएसआईएल) ग्रुप का हाथ रहा.
नाइजीरिया में स्थित आतंकवादी गुट बोको हरम द्वारा आतंकवादी गतिविधियों की संख्या एक तिहाई से अधिक, मौतों की संख्या दोगुनी तथा अपहरणों की संख्या तीन गुना तक बढ़ी है.
वर्ष 2014 में ऐसे 20 हमले हुए जिनमें प्रत्येक में 100 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी जबकि वर्ष 2013 में ऐसे दो ही हमले हुए थे.
वीभत्स हमलों में वर्ष 2014 में पाकिस्तानी तालिबान द्वारा पेशावर के एक स्कूल पर हमले में 150 से अधिक लोगों की हत्या की गई तथा जून 2014 में आईएसआईएल विद्रोहियों द्वारा इराक स्थित मोसुल कारावास में 670 शिया कैदियों की हत्या कर दी गयी.
वर्ष 2014 में 95 देशों में आतंकी घटनाएं घटित हुईं जिनमें मध्य पूर्व, दक्षिण एशिया तथा पश्चिमी अफ्रीका के देश शामिल हैं.
इराक, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भारत तथा नाइजीरिया में 60 प्रतिशत से अधिक आतंकवादी हमले हुए, यदि इसमें सीरिया को भी शामिल किया जाए तो यह आंकड़ा 80 प्रतिशत हो जायेगा.
पश्चिमी देशों में लोन-वुल्फ हमले बढ़े जिनमें चरमपंथियों द्वारा दूसरे समुदायों को डराने अथवा उनको दबाने हेतु हिंसक आक्रमण किये गए.
भारत के संबंध में रिपोर्ट
भारत को विभिन्न आतंकवादी गुटों द्वारा हमले का शिकार बनाया जाता रहा है. वर्ष 2014 में लगभग 400 लोग आतंकवादी हमलों में मारे गए.
भारत में काले धन पर रोक तथा आतंकवाद वित्तपोषण के निपटने के लिए कानूनों का अप्रभावी कार्यान्वयन रहा.
भारत ने हवाला विरोधी मुकदमों के लिए गैर-वित्तीय कारोबार को ही शामिल किया है.
संयुक्त राज्य अमेरिका के जांचकर्ताओं को भारत में अवैध रूप से चल रही गतिविधियों को बंद अथवा जब्त करने में आंशिक सफलता ही मिली है.
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