संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 30 दिसंबर 2014 को फिलिस्तीन द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव को नामंज़ूर किया. इस प्रस्ताव में वर्ष 2017 तक इजरायल के कब्जे को समाप्त करने की मांग की गई. प्रस्ताव के पक्ष में नौ की अपेक्षा सिर्फ आठ वोट ही मिले और पांच सदस्य अनुपस्थित रहे. रूस, चीन, चाड, चिली, फ्रांस, अर्जेंटीना, जॉर्डन और लक्जमबर्ग ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया जबकि, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने इसके खिलाफ मतदान किया. दूसरी ओर, ब्रिटेन, लिथुआनिया, नाइजीरिया, कोरिया और रवांडा गणराज्य मतदान में अनुपस्थित रहे. सुरक्षा परिषद के सदस्य जार्डन ने प्रस्ताव पर वोट कराए जाने की अपील की थी.
प्रस्ताव की मुख्य विशेषतायें
- प्रस्ताव में इसको पारित करने के 12 महीने के अंदर इसकी बातों को लागू करने की जरूरत पर बल दिया गया.
- प्रस्ताव के अंतर्गत इजरायल-फिलिस्तीन विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए वर्ष 1967 से इजरायल के जारी कब्जे को समाप्त करने और दो स्वतंत्र लोकतांत्रिक और समृद्ध राष्ट्र के अस्तित्व को पूरा करने की मांग की गई.
- इस प्रस्ताव में अगले तीन वर्षों में फिलिस्तीन के कब्जा किए गए क्षेत्रों से इजरायल से हटने की मांग की गई.
- इस प्रस्ताव में दो स्वतंत्र, लोकतांत्रिक और समृद्ध राज्य इजरायल और फिलीस्तीन के एक सम्प्रभु राज्य के रूप में समाधान को रेखांकित किया गया.
- इस प्रस्ताव में दोनों राज्यों की राजधानी के रूप में येरूशलेम शहर की परिकल्पना की गई.
- जल संसाधनों के नियंत्रण और इजरायल की जेलों में बंद कैदियों सहित अन्य सभी बकाया मुद्दों के साथ ही फिलीस्तीनी शरणार्थियों की समस्या के हल की मांग भी प्रस्ताव में की गई.
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