भारत ने सशस्त्र बलों के प्रयोगकर्ता परीक्षण के तहत परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम रणनीतिक बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-4 का 9 नवंबर 2015 को प्रायोगिक परीक्षण किया. 4000 किलोमीटर तक की दूरी तक लक्ष्य को भेदने में सक्षम इस मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के तट पर स्थित एक परीक्षण रेंज से किया गया.
एक गतिशील प्रक्षेपक की मदद से इस मिसाइल का परीक्षण अब्दुल कलाम आइलैंड स्थित इंटीग्रेटेड परीक्षण रेंज के लॉन्च कॉम्पलेक्स-4 से सुबह लगभग 9 बजकर 45 मिनट पर किया गया. इस स्थान का नाम पहले व्हीलर आइलैंड था.
सतह से सतह तक मार करने में सक्षम स्वदेशी मिसाइल अग्नि-4 में द्विचरणीय शस्त्र प्रणाली है. यह बैलेस्टिक मिसाइल 20 मीटर लंबी और 17 टन भारी है. यह परीक्षण सेना की रणनीतिक बल कमान (एसएफसी) द्वारा किया गया.
सतह से सतह तक मार करने में सक्षम परिष्कृत मिसाइल में उच्चस्तरीय विश्वसनीयता के लिए आधुनिक एवं सुसंबद्ध वैमानिकी का इस्तेमाल हुआ. अग्नि-4 मिसाइल में पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर लगे हैं. इसकी आधुनिकतम विशेषताएं उड़ान के दौरान होने वाले अवरोधों के दौरान खुद को ठीक एवं दिशानिर्देशित कर सकती हैं.
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