सरकार ने 25 नवंबर 2014 को ‘स्वच्छ भारत कोष परिचालन दिशा-निर्देशों’ की घोषणा की, जो तत्काल प्रभावी हो जायेंगे. इस कोष की घोषणा भारत भर में सफाई के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए की गई. स्वच्छ भारत कोष की निधि को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में शौचालयों के निर्माण के लिए उपयोग किया जाएगा.
उद्देश्य
अनेक लोगों और स्वयं सेवी संस्थाओं ने वर्ष 2019 तक स्वच्छ भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु किये जा रहे प्रयासों में योगदान करने में उत्सुकता दिखाई. परोपकार से जुड़ी धनराशि और कंपनियों के सामाजिक दायित्व (सीएसआर) वाली राशि का इस मद में आसान संग्रह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से स्वच्छ भारत कोष बनाया गया.
संचालन परिषद:
स्वच्छ भारत कोष के परिचालन का दायित्व एक संचालन परिषद को दिया गया, जिसके अध्यक्ष व्यय विभाग के सचिव हैं. इसके अन्य स्थायी सदस्यों में सचिव (नियोजन), सचिव (पेयजल एवं साफ-सफाई), सचिव (शहरी विकास), सचिव (आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन), सचिव (ग्रामीण विकास), सचिव (पंचायती राज) और सचिव (स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता) आदि शामिल हैं. पर्यटन, संस्कृति या किसी अन्य विभाग के सचिवों को तभी आमंत्रित किया जायेगा जब उनकी तरफ से इस तरह का कोई भी प्रस्ताव आयेगा.
बैंक खाता और योगदान की रसीद:
• कंपनियों और संस्थाओं द्वारा दिए जाने वाले योगदान को नई दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक स्थित भारतीय स्टेट बैंक की केन्द्रीय सचिवालय शाखा में खोले गये एकल बैंक खाते में संरक्षित रखने का प्रावधान हैं.
• बैंक खाते का संचालन प्रशासक और वित्त मंत्रालय के मुख्य लेखा नियंत्रक द्वारा संयुक्त रूप से किया जायेगा.
• कोष में योगदान नेट बैंकिंग के माध्यम से ऑनलाइन भुगतान के जरिये, अथवा डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड या चेक/डिमांड ड्राफ्ट के जरिये किया जा सकता है.
• दान देने वालों को अपने योगदान के लिए एक स्वचालित, डिजिटल रुप में हस्ताक्षरित रसीद प्राप्तं होगी.
इसके अतिरिक्त दान की रसीद को निम्नांकित विशिष्ट कोषों द्वारा अभिस्वीकृत किया जायेगा:
योगदानकर्ता योगदान (रुपये में) अभिस्वीकृति का स्तर
कंपनियां
1 20 करोड़ एवं उससे ज्यादा प्रधानमंत्री
2 10 करोड़ – 20 करोड़ वित्त मंत्री
3 1 करोड़ से 10 करोड़ सचिव, व्यय
4 1 करोड़ तक प्रशासक, एसबीके
व्यक्तिगत
1 1 करोड़ एवं उससे ज्याादा प्रधानमंत्री
2 50 लाख से 1 करोड़ वित्त मंत्री
3 10 लाख से 50 लाख सचिव, व्यय
4 10 लाख तक प्रशासक, एसबीके
स्वीकार्य गतिविधियां
• इस कोष का इस्तेमाल स्कूलों सहित ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता में सुधार लाने के उद्देश्य से किया जाएगा. इसकी मदद से नवीन एवं विशिष्ट परियोजनाओं को शुरू किया जा सकता है और लड़कियों के लिए शौचालयों के निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी. इस कोष से निम्नलिखित गतिविधियों को वित्तीय साहयता प्रदान की जाएगी.
• ग्रामीण क्षेत्रों, शहरी क्षेत्रों, प्राथमिक, माध्यमिक एवं वरिष्ठ माध्यमिक सरकारी स्कूलों और आंगनवाड़ियों में सामुदायिक-व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया जाएगा.
• प्राथमिक, माध्यमिक वरिष्ठ माध्यमिक सरकारी स्कूलों और आंगनवाड़ियों में बंद पड़े अथवा काम में नहीं आने वाले शौचालयों की मरम्मत एवं उनका नवीनीकरण.
• बनाए गए शौचालयों के लिए जल आपूर्ति की व्यवस्था.
• बनाए गए शौचालओं के लिए प्रशिक्षण को बढ़ावा देना.
• ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में स्वच्छता एवं साफ-सफाई के क्षेत्र में सुधार करने संबंधी अन्य प्रयास. इसमें ठोस एवं तरल अपशिष्ट पदार्थों का प्रबंधन शामिल है.
• देश में स्वच्छता के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए संचालन समिति द्वारा तय की गई कोई अन्य गतिविधि.
क्रियान्वयन
• इन परियोजनाओं/गतिविधियों का क्रियान्वयन राज्यों, जिलों और उप-जिला स्तर पर पहले से ही काम कर रहे संस्थानों द्वारा किया जाएगा. किसी नई संस्था का गठन नहीं किया जाएगा.
• इन परियोजनाओँ पर आने वाली लागत को इसी प्रकार की केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए प्रचलित लागत मानकों द्वारा निर्देशित किया जाएगा. इनका इस्तेमाल परियोजनाओं के लिए लागत अनुमानों को तय करने में किया जाएगा.
अनुश्रवण (मानिटरिंग)
• इन परियोजनाओं से प्रशासनिक रूप से जुड़े संबद्ध मंत्रालय, कोष से प्राप्त होने वाली धन राशि के इस्तेमाल पर कड़ी निगरानी रखेंगे और तिमाही आधार पर संचालन परिषद् और वित्त मंत्री को प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराएंगे.
• इस कोष के तहत की जाने वाली गतिविधियों कि प्रगति की समीक्षा वित्त मंत्री द्वारा तिमाही आधार पर एवं प्रधानंमत्री द्वारा समय-समय पर की जाएगी.
• मंत्रालय यह भी सुनिश्चित करेंगे की कोष के तहत शुरू की गई परियोजनाओं/गतिविधियों को दोहराया न जाए.
लेखांकन एवं लेखा परीक्षा
वित्तीय जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए वित्त मंत्रालय के मुख्य लेखा नियंत्रक (सीसीए) द्वारा प्रत्येक तिमाही में एक बार आंतरिक लेखा परीक्षण कराया जाएगा. इसके अलावा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा नियुक्त किये गए ऑडिटर बॉर्ड में से एक स्वतंत्र लेखा परीक्षक द्वारा वर्ष में एक वैधानिक लेखा परीक्षण कराया जाएगा. इनकी रिपोर्टें केंद्र सरकार को भेजी जाएगी. सीसीए (वित्त) सभी प्राप्तियों और भुगतान खातों समेत सभी खातों का रखरखाव करेंगे.
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को देश के सबसे बड़े सफाई अभियान शुरुआत की. सफाई अभियान पर 62000 करोड़ रुपए से भी अधिक लागत के आने का अनुमान है. इस सफाई अभियान का उद्देश्य वर्ष 2019 तक एक स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने का है. वर्ष 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनायी जाएगी.
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