सर्वोच्च न्यायालय ने गोवा की सभी 90 खदानों में खनन पर 5 अक्टूबर 2012 को रोक लगा दी. न्यायालय ने शाह कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर यह आदेश जारी किया.
शाह कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में पिछले 12 वर्षों में अवैध खनन के कारण राजकोष को 35 हजार करोड़ रुपए का घाटा हुआ.
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आफताब आलम, केएस राधाकृष्णन और स्वतंत्र कुमार की पीठ ने अगले आदेश तक लौह अयस्क के परिवहन और बिक्री पर भी रोक लगा दी.
साथ ही तीन सदस्यीय पीठ ने केंद्र, राज्य सरकार और संबंधित कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया और सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी (सीईसी) को चार हफ्ते में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया.
विदित हो कि गोवा सरकार ने 10 सितंबर 2012 को इन खदानों में खनन पर अक्टूबर 2012 तक अस्थायी रोक लगाई थी. लेकिन याचिकाकर्ता एनजीओ के अनुसार इससे अवैध खनन पर कोई असर नहीं पड़ा.
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