सर्वोच्च न्यायालय ने 24 अप्रैल 2014 को पद्मनाभस्वामी मंदिर के विशेष लेखा जांच का आदेश जारी किया.
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति आर.एम. लोधा व न्यायमूर्ति ऐ.के. पटनायक की खंडपीठ ने भारत के पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) विनोद राय को पद्मनाभस्वामी मंदिर के संपत्ति का विशेष लेखा जांच करने हेतु नियुक्त किया. इसके साथ ही साथ सर्वोच्च न्यायालय ने पद्मनाभस्वामी मंदिर की तिजोरियों की चाभी तिरुअनंतपुरम के जिला जज को सौंपने का आदेश दिया तथा पद्मनाभ स्वामी मंदिर की व्यवस्था सुधारने के लिए तिरुअनंतपुरम के जिला जज की अध्यक्षता में चार सदस्यीय प्रशासनिक समिति का गठन भी किया.
विदित हो कि सर्वोच्च न्यायालय ने उपरोक्त आदेश पद्मनाभस्वामी मंदिर के हालात का जांच कर लौटे वरिष्ठ अधिवक्ता न्यायमित्र गोपाल सुब्रमण्यम की रिपोर्ट देखने के बाद जारी किए. न्यायमित्र गोपाल सुब्रमण्यम ने मंदिर में भारी अव्यवस्था और गंदगी के अलावा खजाने की सुरक्षा को लेकर भी आशंका जताई थी. उन्होंने कोर्ट से तत्काल कुछ अंतरिम आदेश जारी करने का आग्रह किया था. जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने मंदिर के ट्रस्टी राज परिवार के राम वर्मा और केरल सरकार की दलीलें सुनने के बाद अंतरिम आदेश जारी किए.
विदित हो कि केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित पद्मनाभ स्वामी मंदिर, भगवान विष्णु (हिन्दू धर्म) का मंदिर है. इस मंदिर को देश के सबसे धनी मंदिरों में से एक माना जाता है. यहां के खजाने में एक लाख करोड़ की संपत्ति होने का अनुमान है.
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