पत्रकारिता के क्षेत्र में वर्ष 2011 में किए गए बेहतरीन काम के लिए साप्ताहिक पत्रिका तहलका और द वीक को संयुक्त रूप से इंटरनेशनल प्रेस इंस्टीट्यूट इंडिया पुरस्कार (IPI India journalism award, आईपीआई इंडिया पत्रकारिता पुरस्कार) हेतु 23 अक्टूबर 2011 को चयनित किया गया.
साप्ताहिक पत्रिका तहलका को कर्नाटक में श्रीराम सेना के रेंट ए राइट (rent a riot) तरीके को उजागर करने के कारण जबकि साप्ताहिक पत्रिका द वीक को फर्जी मेडिकल और दंत चिकित्सा कॉलेजों के बारे में विस्तृत खोजी रिपोर्टिंग के लिए चयन किया गया.
तहलका ने कर्नाटक में श्रीराम सेना के रेंट ए राइट (rent a riot) रिपोर्टिंग में खुलासा किया था कि संगठन ने धन लेकर मासूम जनता और संस्थानों पर हमले कराए थे. जिन फर्जी मेडिकल और दंत चिकित्सा कॉलेजों के बारे में द वीक ने रिपोर्टिंग की थी, उन कॉलेजों में न डॉक्टर हैं, न मरीज और न ही सुविधाएं. इसके बावजूद भी ये संस्थान सैकड़ों छात्रों को मेडिकल और डेंटल की डिग्रियां दी थीं.
इंटरनेशनल प्रेस इंस्टीट्यूट (IPI India journalism award) इंडिया पुरस्कार जूरी के अध्यक्ष, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एएस आनंद थे. निर्णायक मंडल के सदस्यों में, आईपीआई इंडिया के अध्यक्ष और अंग्रेजी दैनिक द हिंदू के संपादक, एन रवि, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के प्रधान संपादक एम के राजदान, अंग्रेजी दैनिक बिजनेस स्टैंडर्ड के अध्यक्ष और प्रधान संपादक टी एन नाइनन और मलयाला मनोरमा के वरिष्ठ सहायक संपादक रियाद मैथ्यू शामिल थे.
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