सिंधु घाटी सभ्यता के पतन का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन था. प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी आफ साइंसेज पत्रिका में प्रकाशित शोध में यह निष्कर्ष दिया गया. अमेरिका के वुड्स होल ओसियनोग्राफिक इंस्टीट्यूट के भूवैज्ञानिकों की टीम ने उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों, स्थलाकृतिक आंकड़ों का उपयोग और सिंधु घाटी तथा उसके आस पास बहने वाली नदियों के प्रभाव क्षेत्र के डिजिटल मानचित्रों का विश्लेषण को शोध का आधार बनाया.
प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी आफ साइंसेज पत्रिका में प्रकाशित शोध में बताया गया कि मानसून बारिश में आई कमी, सिंधु घाटी में बहने वाली नदी के प्रवाह को कमजोर करने का कारण बनी जिससे सिंधु घाटी सभ्यता का पतन हुआ, क्योंकि हड़प्पा संस्कृति अपने कृषि कार्यों के लिए पूरी तरह से नदी के प्रवाह पर निर्भर थी.
अमेरिका के वुड्स होल ओसियनोग्राफिक इंस्टीट्यूट के भूविज्ञानी और इस शोध के प्रमुख लिविउ जियोसन के अनुसार 5200 वर्ष पहले सिंधु घाटी सभ्यता विकसित हुई, इसके शहर बने और 3900 से 3000 वर्ष पहले धीरे-धीरे उनका पतन हो गया. सिंधु घाटी सभ्यता के विकास और इसके पतन में दोनों में ही नदी की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी.
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