ऑस्ट्रेलिया में सिडनी के वैज्ञानिकों के एक दल ने सिटेड2 (Cited2) नामक जीन की खोज की है जो हृदय के निर्माण के वक्त सक्रिय रहता है. वैज्ञानिकों ने यह पाया कि भ्रूणीय ऊतकों में इसकी शुरुआती गतिविधि हृदय निर्माण को प्रभावित कर सकती है, जिसका परिणाम जन्म के समय विकार वाले हृदय के रूप में सामने आता है. आमतौर पर हृदय की बीमारी से जूझ रहे बच्चों के दिल में छेद होते हैं. ऐसे मामलों में ज्यादातर बच्चों की मौत हो जाती है.
ह्युमन मॉलीक्यूलर जेनेटिक्स जर्नल के मार्च 2011 के अंक में यह शोध प्रकाशित किया गया. शोधकर्ताओं की प्रमुख सैली डनवुडी के अनुसार शोध में यह भी पाया गया कि हृदय विकार वाले बच्चे के पैदा होने की संभावना जांचने के लिए परिवार के सदस्यों के आनुवांशिक जांच की जा सकती है.
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