सीएसआर से संबंधित समिति ने अपनी सिफारिश केंद्र सरकार को सौपीं

कंपनियां सीएसआर पर होने वाले खर्च का 5 प्रतिशत हिस्सा प्रशासनिक मदों में लगा सकती हैं, लेकिन कमेटी ने इसे बढ़ाकर 10 प्रतिशत तक करने का सुझाव दिया है.

Oct 8, 2015, 17:29 IST

सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के तहत कंपनियों की गतिविधियों पर नजर रखने के तौर-तरीकों का सुझाव देने के लिए बनाई गई एक उच्चस्तरीय समिति ने अपनी सिफारिश केंद्र सरकार को 7 अक्टूबर 2015 को सौपीं दी.

मुख्य तथ्य:
•    समिति ने अपने सिफारिश में कहा है कि कंपनी एक्ट 2013 के सीएसआर से जुड़े प्रावधानों का पालन न करने वाली कंपनियों से नरमी बरती जाए.
•    इसके साथ ही कमेटी ने सीएसआर प्रावधानों की तीन साल बाद समीक्षा करने का सुझाव भी दिया है.
•    कंपनियां सीएसआर पर होने वाले खर्च का 5 प्रतिशत हिस्सा प्रशासनिक मदों लगा सकती हैं, लेकिन कमेटी ने इसे बढ़ाकर 10 प्रतिशत तक करने का सुझाव दिया है.
•    कमेटी ने विदेशी कंपनियों पर कंपनीज एक्ट का सेक्शन 135 लागू होने के बारे में तस्वीर और साफ करने को कहा है. यह सेक्शन सीएसआर के प्रावधानों से जुड़ा है.
•    कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, 'शुरुआती तीन साल तो सीखने का समय होगा. पहले दो-तीन वर्षों में नरम बर्ताव किया जाना चाहिए.
•    इसमें कहा गया है, 'कई विदेशी कंपनियों का निदेशक मंडल भारत में नहीं है और यहां उनकी शाखा या प्रोजेक्ट ऑफिस ही हैं. ऐसे में विदेशी कंपनियों पर सीएसआर के नियम लागू होने के बारे में और स्पष्टता होनी चाहिए.

विदित हो कि अप्रैल 2014 में भारत ऐसा पहला देश बना, जिसने कुछ खास वर्गों की कंपनियों के लिए सीएसआर एक्टिविटीज को अनिवार्य किया था. हालांकि सीएसआर के प्रावधानों का पालन न करने के लिए किसी जुर्माने का प्रावधान नहीं किया गया था और कंपनियों से कहा गया था कि उन्हें सिर्फ यह बताना होगा कि वे सीएसआर पर रकम क्यों खर्च नहीं कर सकीं.

नए कंपनीज एक्ट के तहत 500 करोड़ रुपये के नेटवर्थ या 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा टर्नओवर या 5 करोड़ रुपये से ज्यादा नेट प्रॉफिट वाली कंपनियों को पिछले तीन वर्षों के अपने औसत मुनाफे का 2 पर्सेंट हिस्सा सीएसआर गतिविधियों पर खर्च करना होता है. इस एक्ट के शेड्यूल 7 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए मकान बनाने, क्लीन इंडिया, क्लीन गंगा, शिक्षा और स्वास्थ्य सहित उन क्षेत्रों की जानकारी दी गई है, जिन पर सीएसआर की रकम खर्च की जा सकती है.
पूर्व प्रसशानिक अधिकारी अनिल बैजल की अध्यक्षता में छह सदस्यों वाली कमेटी फरवरी 2015 में बनाई गई थी. इस कमेटी से सीएसआर के प्रावधानों के पालन पर नजर रखने के तौर-तरीके बताने को कहा गया था.

Jagranjosh
Jagranjosh

Education Desk

Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News