भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) एवं पाकिस्तान रेंजर्स के बीच द्विपक्षीय वार्ता 12 सितंबर 2015 को नई दिल्ली में संपन्न हुआ.
उपरोक्त वार्ता बीएसएफ एवं पाकिस्तान रेंजर्स के निदेशक (डीजी) स्तर पर 9 सितंबर 2015 से 12 सितंबर 2015 तक चला. जिसमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और पाकिस्तान रेंजर्स ने शांति बनाये रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए विश्वास बहाली के उपायों पर अमल करने तथा सीमा पर समन्वित गश्त करने पर सहमति जतायी.
वार्ता के लिए पाकिस्तान रेंजर्स का 16 सदस्यीय शिष्टमंडल 9 सितम्बर 2015 को भारत पहुंचा था. दोनों के बीच वार्ता 10 सितम्बर को बीएसएफ मुख्यालय में शुरू हुई. वार्ता में भारत के 23 सदस्यीय शिष्टमंडल का नेतृत्व बीएसएफ के महानिदेशक देवेन्द्र कुमार पाठक ने किया. पाकिस्तान के 16 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पाकिस्तान रेंजर्स के महानिदेशक उमर फारुक बर्की ने किया
बैठक में दोनों देशों के विदेश और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों तथा मादक पदार्थ नियंत्रण और सर्वेक्षण विभाग के प्रतिनिधि भी शामिल थे.
महत्वपूर्ण तथ्य:
• बैठक में बीएसएफ एवं पाकिस्तान रेंजर्स के बीच परस्पर सहयोग पर सहमति बनीं.
• इसके अलावा विश्वास बहाली के उपायों को अमल में लाने, सूचनाओं का फील्ड स्तर तक आदान प्रदान करने, एक साथ समन्वित गश्त, आवश्यकतानुसार मोबाइल संपर्क को बनाये रखने और खेल स्पर्धाओं के बारे में भी दोनों पक्षों में सहमति बनी.
• बैठक में यह भी तय हुआ कि अगली बैठक 2016 में पाकिस्तान में होगी.
• बैठक में सीमा पर गोलीबारी,नशीले पदार्थों की तस्करी, घुसपैठ के प्रयासों और सीमा पर रक्षा निर्माण कार्यों से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से बातचीत हुई.
• इसके अलावा सीमावर्ती लोगों के अंजाने में सीमा पार कर जाने पर उनकी सुरक्षित वापसी जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई.
• भारत और पाकिस्तान के सीमा बलों के बीच इसे पहले 2013 में इस्लामाबाद में बैठक हुई थी.
विदित हो कि रूस के ऊफा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की जुलाई 2015 में हुई बातचीत में यह सहमति बनी थी कि पहले दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक होगी, जिसके बाद सीमा प्रहरी बलों के महानिदेशकों तथा सैन्य संचालन महानिदेशकों की भी बैठक होगी. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की वार्ता रद्द होने के बाद सीमा पर शांति बनाये रखने के लिए इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा था.
भारत और पाकिस्तान के गृह सचिवों की 1989 में हुई वार्ता में यह सहमति बनी थी कि सीमा से जुडे मुद्दों पर चर्चा के लिए सीमा सुरक्षा बल और पाकिस्तान रेंजर्स के महानिदेशकों की हर दो साल में एक बार बैठक होगी. यह भी सहमति बनी थी कि इन बैठकों में सामान्य वस्तुओं के साथ मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम और सूचनाओं का आदान प्रदान भी किया जायेगा.
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