भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने 7 अप्रैल 2015 को संगीतमय नाटक (म्यूजिकल प्ले) जीसस क्राइस्ट सुपरस्टार के प्रदर्शन पर कोट्टायम कलेक्टर द्वारा वर्ष 1990 में अधिसूचना जारी कर लगाये गए प्रतिबन्ध को निरस्त कर दिया.
यह फैसला न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच द्वारा दिया गया.
नाटक के मंचन पर कोट्टयम जिला प्रशासन ने वर्ष 1990 में एक अधिसूचना जारी कर प्रतिबंध लगाया था.
जीसस क्राइस्ट सुपरस्टार वर्ष 1970 में बनायी गयी एक रॉक संगीत एलबम है जिसमें एंड्रयू लॉयड वेबर ने संगीत दिया है तथा इसके गीतकार टिम राइस हैं.
संयुक्त राज्य अमेरिका में वर्ष 1971 में हुए इसके पहले मंचन से पूर्व इसे रॉक ओपेरा की अवधारणा के तौर पर शुरू किया गया था.
यह साहित्यिक व्याख्यान गोस्पेल के वर्णन के अनुसार यीशु के जीवन के अंतिम सप्ताह पर आधारित है. इसका आरंभ यीशु के यरूशलेम में अपने शिष्यों के साथ आने की तैयारी से होता है तथा इसके अंतिम भाग में यीशु को सूली पर चढ़ाये जाने का प्रकरण शामिल है.
यह जुडास आइसकेरिओत तथा यीशु के बीच राजनैतिक एवं परस्पर संघर्षों पर प्रकाश डालता है जिनका वर्णन बाइबल में नहीं है.
कहानी का एक बड़ा हिस्सा जुडास आइसकेरिओत के चरित्र पर केंद्रित है जिसमें वह यीशु द्वारा अपने शिष्यों को दिखाए जा रहे मार्ग से असंतुष्ट दिखता है तथा वह यीशु को 30 चांदी के सिक्कों के लिए फैरोह सैनिकों को सौंप देता है.
इस नाटक के प्रदर्शन को चुनौती देने वाले ईसाई संगठनों का मानना है कि यीशु निर्दोष और भगवान के प्रतिनिधि हैं तथा इसका प्रदर्शन ईसाई धर्म के विश्वास के खिलाफ है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation