सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2016 को पर्ल्स एग्रोटेक कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसीएल) की संपत्ति बेचने तथा निवेशकों को 49 हज़ार करोड़ रुपये लौटाने के लिए पूर्व मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढ़ा समिति को नियुक्त किया.
निवेशकों ने इस फर्म में सामूहिक निवेश योजना के तहत निवेश किया था जिसे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने गैरकानूनी ठहराया है.
जस्टिस अनिल दवे की बेंच के अनुसार पीएसीएल द्वारा अधिकृत विभिन्न स्थलों को सेबी को सौंपा जाना चाहिए. कोर्ट ने निर्देश में कहा कि सेबी इन संपत्तियों को बेचने के लिए उचित कदम उठाएगी.
यह भी कहा गया कि पैनल संपत्ति बेचने के तरीके को स्वयं निर्धारित करेगी लेकिन वह नीलामी के जरिये बेची जाएगी.
यह भी कहा गया कि पीएसीएल पब्लिक से किसी प्रकार की कोई संपत्ति ग्रहण नहीं करेगा तथा अदालत द्वारा ही संपत्ति बेची जाएगी. इस मामले पर अगली सुनवाई 2 अगस्त 2016 को होगी.
इससे पहले, सेबी ने एक रिफंड ऑर्डर भी जारी किया जिसमे पीएसीएल की सहयोगी कम्पनियों को दोषी ठहराते हुए जनता से गलत तरीके से पूंजी जुटाने का आरोप लगाया है.
इस संबंध में पीएसीएल ग्राहकों एवं कर्मचारी संघ द्वारा याचिका दायर की गयी जिसमें कंपनी पर 500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया.
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