सोने की कीमतों पर नियंत्रण की सरकार की सारी कोशिशें एक के बाद विफल हो रही हैं. हाल ही में बढ़ाये गये आयात शुल्क की परिणामस्वरूप देश के प्रमुख सर्राफा बाजारों में लिवाली में बढ़ोत्तरी से सोने की कीमतें पिछले पांच सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी.
सोने के एक बेहतर विकल्प के तौर पर लिये जाने एवं विभिन्न मौकों एवं त्योहारों पर सोने के आभूषणों के उपहार दिये जाने के प्रचलनों के कारण भारत में सोने की मांग लगातार बढ़ती रही है. इसी के मद्देनजर भारत सरकार ने वित्तीय घाटा कम करने के उद्देश्य से सोने पर आयात शुल्क छ: प्रतिशत से बढ़ाकर आठ प्रतिशत कर दिया था और उत्पाद शुल्क को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया था.
दूसरी तरफ रूपये के मुकाबले डॉलर की बढ़ती कीमत के कारण निवेशकों द्वारा शेयर बाजार रूपये निकालकर सोने में लगाने के चलते भी सोने की मांग तेजी देखी गई.
मांग के बढ़ने एवं आयात शुल्क के कारण आयात पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने से सोने की कीमते ने फिर ऊपर की ओर बढ़ना शुरू कर दिया.
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