खानवा की लड़ाई ने यद्यपि दिल्ली के निर्विवाद सम्राट के रूप में बाबर की स्थापना की थी लेकिन अभी भी शेष अफगान प्रमुख सरदार बाबर की सफलता के रास्ते में एक प्रमुख बाधा के रूप में खड़े थे. इन प्रमुख सरदारों में मुहम्मद लोदी प्रमुख सरदार था जोकि इब्राहिम लोदी का छोटा भाई था.
1529 ईस्वी में घाघरा की लड़ाई में मुहम्मद लोदी और बाबर की सेना के बीच एक युद्ध हुआ जिसमे मुहम्मद लोदी की तरफ से बंगाल का शासक नुशरत शाह ने भी युद्ध किया. बाबर फिर से विजयी हो गया और उसने भारत में अपनी सत्ता मजबूत कर ली.
बाबर की मृत्यु
26 दिसंबर 1530 ईस्वी की अत्यधिक मद्यपान के कारण बाबर की उसके महल में मृत्यु हो गयी. अपनी मृत्यु के समय बाबर 47 साल का था. उसकी अंत्येष्टि उसके खुद के द्वारा चुने गए स्थान पर की गयी. उसे काबुल में दफनाया गया.
यद्यपि शुरू में उसके इच्छाओ के खिलाफ उसे किन्ही कारणों से आगरा में ही दफ़न कर दिया गया लेकिन बाद में उसे अफगानिस्तान में बाघ-ए बाबर बगीचे में दफनाया गया था.
बाबर की विरासत
• बाबर द्वारा स्थापित राज्य पर बाद में भारत में सबसे बड़े साम्राज्य मुग़ल साम्राज्य के रूप में विकसित हुआ.
• उसने मुग़ल राजवंश के नए वंश की स्थापना की.
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