राज्य वित्तीय निगम (SFCs) राज्य स्तरीय वित्तीय संस्थाएं हैं जोकि संबंधित राज्यों में छोटे और मध्यम उद्यमों के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. राज्य वित्त निगम उच्च निवेश उत्प्रेरित करने के उद्देश्य के साथ स्थापित किया गया था. ये संस्थाएं अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने और बिलों की छूट, डिबेंचर/इक्विटी, लम्बी अवधि के ऋण आदि का आदान-प्रदान एवं बीज/विशेष आदि के सन्दर्भ में प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता के सन्दर्भ में अनेक सुबिधाएं उपलब्ध कराते हैं. इन संस्थाओं के माध्यम से नए प्रकार की सभी व्यवसाय को भी आर्थिक मदद उपलब्ध की जाती है. जैसे- टिशू कल्चर, फूलों की खेती, मुर्गी पालन, इंजीनियरिंग, मार्केटिंग और वाणिज्यिक परिसरों का निर्माण आदि. भारत में 18 राज्य वित्तीय निगम (SFCs) कार्य कर रहे हैं. ये निम्नवत हैं:
- आंध्र प्रदेश राज्य वित्तीय निगम (APSFC)
- हिमाचल प्रदेश वित्तीय निगम (HPFC)
- मध्य प्रदेश वित्तीय निगम (MPFC)
- पूर्वोत्तर विकास वित्त निगम (एनईडीएफआई)
- राजस्थान वित्त निगम (आरएफसी)
- तमिलनाडु औद्योगिक निवेश निगम लिमिटेड
- उत्तर प्रदेश वित्तीय निगम (UPFC)
- दिल्ली वित्तीय निगम (डीएफसी)
- गुजरात राज्य वित्त निगम (जीएसएफसी)
- गोवा के आर्थिक विकास निगम (ईडीसी)
- हरियाणा वित्त निगम (एचएफसी)
- जम्मू-कश्मीर राज्य वित्तीय निगम (JKSFC)
- कर्नाटक राज्य वित्तीय निगम (KSFC)
- केरल वित्तीय निगम (केएफसी)
- महाराष्ट्र राज्य वित्तीय निगम (MSFC)
- ओडिशा राज्य वित्त निगम (ओएसएफसी)
- पंजाब वित्त निगम (पीएफसी)
- पश्चिम बंगाल वित्त निगम (WBFC)
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