1813 का चार्टर अधिनियम

लम्बे समय तक चले नैपोलियन युद्ध और महाद्वीपीय प्रणाली के क्रियान्वयन के कारण .ब्रिटिश व्यापार में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गयी| दूसरी ओर, ब्रिटिश व्यापारी लगातार कंपनी-व्यापार को सभी निजी व्यापारियों हेतु खोलने की मांग कर रहे थे| अतः उनकी मांगों को पूरा करने के लिए 1813 का चार्टर अधिनियम (1813 ई. का ईस्ट इंडिया कंपनी अधिनियम) पारित किया गया | यह ब्रिटिश संसद द्वारा पारित एक ऐसा अधिनियम था जिसने भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन को जारी रखा|

लम्बे समय तक चले नैपोलियन युद्ध और महाद्वीपीय प्रणाली के क्रियान्वयन के कारण .ब्रिटिश व्यापार में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गयी| दूसरी ओर, ब्रिटिश व्यापारी लगातार कंपनी-व्यापार को सभी निजी व्यापारियों हेतु खोलने की मांग कर रहे थे| अतः उनकी मांगों को पूरा करने के लिए चार्टर अधिनियम पारित किया गया | इसे 1813 ई. का ईस्ट इंडिया कंपनी अधिनियम भी कहा गया| यह ब्रिटिश संसद द्वारा पारित एक ऐसा अधिनियम था जिसने भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन को जारी रखा|

अधिनियम के प्रावधान

• इसने भारत में ब्रिटिशों की संवैधानिक स्थिति की व्याख्या के माध्यम से ब्रिटिश भारत पर ब्रिटेन के राजा की सम्प्रभुता साबित की गयी |

• यह अधिनियम स्थानीय निकायों को ,सुप्रीम कोर्ट के न्यायिक-क्षेत्र  में आने वाले लोगों पर, कर लगाने का भी अधिकार प्रदान करता है|

• भारत में प्रांतीय सरकारों व न्यायालयों की शक्तियों के संदर्भ में यूरोपीय ब्रिटिशों के मामलों को मजबूती प्रदान की गयी|

• भारतीय साहित्य के नवीनीकरण और विज्ञान के उत्थान हेतु वित्तीय प्रावधानों को शामिल किया गया|

• इस अधिनियम में यह भी शामिल था कि मिशनरीज भारत में जाकर ईसाई धर्म का  प्रसार कर सकते है|

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