प्राचीन चीन की वास्तुकला न केवल एशियाई देशो को अपितु विश्व की वास्तुशिल्प शैलियों को गहराई से प्रभावित करता है। विश्व का एकमात्र झूलता हुआ मठ अर्थात हैंगिंग टेम्पल या हैंगिंग मठ या जुआनकॉन्ग मंदिर, चीन के शांक्सी प्रांत के अंतर्गत दातोंग शहर के हुन्युआन काउंटी में माउंट हेग नामक स्थान के पास स्थित है। इसे 1500 साल पहले वेई (Wei) साम्राज्य के शासनकाल में बनाया गया था। यहां, हम सामान्य जागरूकता के लिए विश्व के एकमात्र झूलते मठ या हैंगिंग मठ से जुड़े कुछ आश्चर्यजनक तथ्य दे रहे हैं।
विश्व के एकमात्र झूलते मठ से जुड़े रोचक तथ्य
1. मंदिर की संरचना इस प्रकार है की देखकर लगता है कि मानों यह मंदिर हवा में झूल रहा है क्योंकि इसका निर्माण सीधी खड़ी चट्टानों पर हुआ है जो हवां में झूलता हुआ प्रतीत होता है।
2. मंदिर तीन चीनी पारंपरिक धर्मों से संबंधित है: बौद्ध धर्म, ताओवाद, और कन्फ्यूशीवाद
3. हंग पहाड़ी के इतिहास के अनुसार मूल मन्दिर का निर्माण लियाओ रान नामक एक भिक्षु द्वारा अकेले शुरू किया गया था।
4. बाढ़ या बर्फ के प्रभाव को रोकने के लिए मंदिर को चट्टान के ऊपर बनाया गया है।
5. इसमें जाने के लिए लकड़ी के बने रास्ते से पैदल जाना पड़ता है जिस से पांव के दबाव से लकड़ी का रास्ता आवाज तो जरूर करता है, परन्तु चट्टान से सटा मंदिर जरा भी हिचकोले नहीं खाता हैं
जानें ऐसे मंदिर के बारे में जहाँ मूर्तियाँ बोलती हैं
6. यह केवल धर्म का ही प्रतीक नहीं है, बल्कि चीनी सामंती समाज की संस्कृति का भी प्रतिनिधित्व करता है।
7. इस मंदिर के चबूतरे को इस तरीके से तैयार किया गया है कि कन्फ्यूशीवाद, ताओवाद और बौद्ध धर्म के प्रवर्तक शाक्यमुनि की मूर्ति बीच में स्थित है, जबकि अलग-अलग भावों के साथ लाओजी (प्राचीन चीन के एक विद्वान) की मूर्ति उनके दायीं ओर और कन्फ्यूशियस की मूर्ति उनके बायीं ओर स्थित है।
चट्टान पर अद्भुत और उत्कृष्ट इंजीनियरिंग कार्य देखने के लिए अधिकांश पर्यटक यहां आते हैं। दिसम्बर 2010 में टाइम पत्रिका ने इसे दुनिया की दस सबसे अजीब खतरनाक इमारतों में शामिल किया था । विश्व के एकमात्र झूलते मठ से जुड़े उपरोक्त आश्चर्यजनक तथ्यों से पाठकों के सामान्य ज्ञान में वृद्धि होगी।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation