कहां है दुनिया का अनोखा शहर जहां घड़ी में कभी नहीं बजते 12, जानें

समय का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। यही वजह है कि हम अपने दिन को समय के हिसाब से तय करते हैं और इसके लिए हमें घड़ी की आवश्यकता होती है। घड़ी में 11 के बाद 12 बजना तय है, लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया का एक ऐसा शहर भी है, जहां कभी घड़ी में 12 नहीं बजते हैं।
घड़ी में 12 न बजने वाला शहर
घड़ी में 12 न बजने वाला शहर

हमारे जीवन में समय का बहुत महत्व है। यही वजह है कि हम समय के हिसाब से अपने जरूरी कामों को शेड्यूल करते हैं और उसी के तहत अपना दिन बिताते हैं। वहीं, विद्वानों ने समय को बहुत मूल्यवान बताते हुए इसे व्यर्थ न करने की भी सलाह दी है। साथ ही आपने इसके ऊपर बनी पंक्तियों को भी सुना होगा, बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आता। हालांकि, समय का सदुपयोग करने के लिए हमें दिन में कई बार समय को देखने की भी जरूरत पड़ती है। वहीं, घड़ी में 11 के बाद 12 बजना तय है। लेकिन, क्या आपको पता है कि दुनिया में एक शहर भी है, जहां की किसी भी घड़ी में कभी 12 बजे नहीं बजते। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से दुनिया के एक ऐसे ही शहर के बारे में बताएंगे। 

 

स्वीट्जरलैंड का है यह शहर

स्वीट्जरलैंड के शहर सोलोथर्न में मौजूद सभी घड़ियों में सिर्फ 11 ही अंक हैं। इसके बाद इसमें 12 अंक नहीं आता है, बल्कि समय फिर से एक बजे से शुरू हो जाता है।  

 

हर व्यक्ति को 11 नंबर से लगाव

यहां रहने वाले लोगों को 11 नंबर से ही लगाव है। यही वजह है कि वे अपने यहां किसी भी घड़ी में 11 अंकों से आगे 12 को नहीं रखते हैं। यहां घरों से लेकर दुकानों में भी घड़ियों में 11 तक ही अंक हैं। 



शहर में यहां भी है 11 का महत्व

स्वीट्जरलैंड के शहर सोलोथर्न में सिर्फ घड़ियों में ही 11 का महत्व नहीं है, बल्कि इस शहर में 11 संग्राहलय भी हैं। वहीं, शहर के 11 टॉवर और 11 झरने भी मशहूर हैं। इनके अलावा शहर के मुख्य चर्च क्रीसेंट और सूस को भी बनाने में 11 साल लगे थे। चर्च में 11 खिड़कियां और 11 घंटियां भी हैं। 



जन्मदिन का भी है 11 तारीख से संंबंध

शहर में 11 नंबर का इतना महत्व है कि इस शहर का जन्मदिन भी 11 तारीख को ही मनाया जाता है। वहीं, यह पर रह रहे लोग जब भी एक दूसरे को जन्मदिन या फिर किसी अन्य मौके पर गिफ्ट देते हैं, तो वह भी 11 नंबर से जुड़ा होता है। यहां की कहानी के बारे में बात करें तो, यहां की अलग-अलग कहानियां हैं, जिसमें एक कहानी यह भी बताई जाती है कि यहां के लोग बहुत मेहनत करते थे। लेकिन, इसके बाद भी वे खुश नहीं थे। एक दिन यहां पहाड़ियों से एल्फ आया, जिसने लोगों का हौंसला बढ़ाया। इसके बाद यहां के लोग खुश रहने लगे। हालांकि, इसका कोई आधिकारिक प्रमाण नहीं है। आपको बता दें कि एल्फ का जर्मन भाषा में मतलब 11 से होता है। 



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