ओलंपिक पहुंचने वाली यह थीं भारत की पहली महिला खिलाड़ी, जानें

पेरिस ओलंपिक पर हर भारतीय की नजर है। कुश्ती के खेल में विनेश फोगाट के बाहर हो जाने के बाद से हर भारतीय चेहरे पर निराशा है। बीते कुछ वर्षों में देखें, तो ओलंपिक खेलों में भारतीय महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है और महिलाओं ने ओलंपिक जैसे खेलों के महाकुंभ में भारत का नाम रोशन किया है। इस कड़ी में क्या आप जानते हैं कि स्वतंत्र भारत की तरफ से किस महिला खिलाड़ी ने भाग लिया था ? यदि आप नहीं जानते हैं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। 

Aug 9, 2024, 16:51 IST
ओलंपिक में पहली भारतीय महिला
ओलंपिक में पहली भारतीय महिला

यह बात कहने में दो राय नहीं है कि ओलंपिक खेलों में महिला खिलाड़ियों का योगदान आधुनिक खेलों के विकास की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम रहा है। समय के साथ-साथ खेलों में महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि हुई है।

महिलाओं ने न केवल अपने खेल कौशल का प्रदर्शन किया है, बल्कि लिंग समानता के लिए एक महत्त्वपूर्ण संदेश भी दिया है। यही वजह है कि एक समय था, जब महिलाओं के लिए मैदान सीमित हुआ करता था, उन्हें सिर्फ घर के आंगन तक रखा जाता था।

वहीं, अब महिलाओं ने बाधाओं की सीमा लांघकर ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने के साथ देश का सम्मान बढ़ाया है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि ओलंपिक खेलों में पहुंचने वाली स्वतंत्र भारत की पहली महिला एथलीट कौन थीं ? यदि आप नहीं जानते हैं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।  

कौन थीं पहली महिला खिलाड़ी

साल 1952 में ग्रीष्माकालीन ओलंपिक खेलों में स्वतंत्र भारत से नीलिमा घोष ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था। यह वह समय था, जब महिलाओं के लिए घर से बाहर निकलना आम बात नहीं थी। उस समय महिलाओं की दुनिया घर और घर का आंगन हुआ करती थीं। हालांकि, उन्होंने इन सभी चीजों को पीछे छोड़ते हुए ओलंपिक तक पहुंचने में सफलता हासिल की थी। 

17 साल की उम्र में ओलंपिक में लगाई थी दौड़

नीलिमा घोष का जन्म 15 जून, 1935 को हुआ था। उन्होंने 1952 में हेलसिंकी में आयोजित खेलों में भाग लिया था। उन्होंने सिर्फ 17 साल की उम्र में ही ओलंपिक में दौड़ लगा दी थी। 

दो प्रतिस्पर्धाओं में लिया था भाग

ओलंपिक खेलों में नीलिमा घोष ने दो प्रतिस्पर्धाओं में भाग लिया था। वह 100 मीटर की दौड़ में 13.80 सेकेंड में आखिरी स्थान पर रहीं थीं। ऐसे में आगे के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकीं। हालांकि, कुछ दिनों बाद उन्होंने 80 मीटर हर्डल रेस में भाग लिया।

इस रेस में उन्होंने दो सेकेंड के अंतर के साथ पांचवे स्थान पर जगह बनाई थी। ओलंपिक के उनके प्रदर्शन से अन्य महिला खिलाड़ियों को बल मिला और महिला एथलिटों ने अपने सपनों को पंख लगाना शुरू कर दिए थे। आज ओलंपिक की तस्वीर सभी के सामने है, जिसमें महिलाओं की भागीदारी देखी जा सकती है।  

हम उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। यदि आप जानना चाहते हैं कि भारत के लिए ओलंपिक खेलों में किन महिलाओं ने पदक जीता था, तो आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर अपना जानकारी बढ़ा सकते हैं।

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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