मुंबई में समुद्र के किनारे स्थित एवं 26/11 की हमले की त्रासदी झेल चुका ताज होटल अब भारत की पहली ट्रेडमार्क इमारत बन गई है. अब कोई भी व्यक्ति या संस्था इस होटल के तस्वीर का अपने बिजनेस के फायदे के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता है. इसके साथ ही होटल ताज न्यूयार्क के एम्पायर स्टेट बिल्डिंग, पेरिस के एफिल टावर और सिडनी के ऑपेरा हाउस जैसे चुनिंदा इमारतों की सूची में शामिल हो गया है जो ट्रेडमार्क हैं. इस लेख में हम भारत की पहली ट्रेडमार्क इमारत ताज होटल से जुड़े रोचक तथ्यों का विवरण दे रहे हैं.
Image source: Elephanta Caves
भारत का पहला होटल जिसमें बिजली की व्यवस्था थी
16 दिसंबर, 1903 को ताज होटल का उद्घाटन किया गया था. यह भारत का पहला होटल था जिसमें बिजली की व्यवस्था थी. पहले दिन इस होटल में 17 मेहमान आए थे.
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भारत का पहला होटल जिसमें दिनभर चलने वाली रेस्त्रां की व्यवस्था थी
Image source: Taj - Taj Hotels
होटल ताज देश का पहला होटल था जिसे बार (हार्बर बार) और दिनभर चलने वाली रेस्त्रां का लाइसेंस मिला था. इसके अलावा ताज देश का पहला होटल है, जहां सबसे पहले एसी रेस्त्रां का निर्माण किया गया था. 1972 में देश की पहली 24 घंटे खुली रहने वाली कॉफी शॉप की शुरूआत भी यहीं हुई थी.
भारत का पहला होटल जिसमें इंटरनेश्नल डिस्कोथेक और अंग्रेज बटलर की व्यवस्था थी
होटल ताज देश का पहला ऐसा होटल था, जिसमें इंटरनेश्नल स्तर का डिस्कोथेक, जर्मन एलीवेटर्स, तुर्किश बाथटब और अमेरिकन कम्पनी के पंखे लगाए गए थे. इसके अलावा यह देश का पहला होटल था, जिसमें अंग्रेज बटलर्स की नियुक्ति की गई थी. शुरूआती चार दशकों तक होटल का किचेन फ्रेंच शेफ ही चलाते थे.
ताज होटल से जुड़े कुछ और रोचक तथ्य
1. 26/11 के हमले के बाद बराक ओबामा ताज होटल में रूकने वाले पहले विदेशी राष्ट्राध्यक्ष थे.
2. प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान ताज होटल को 600 बेड वाले अस्पताल में बदल दिया गया था.
3. इतिहासकार शारदा द्विवेदी की पुस्तक में उल्लिखित विवरण के अनुसार ताज होटल के शुरूआती दिनों में सिंगल रूम का किराया मात्र 10 रूपए था, जबकि पंखे और अटैच्ड बाथरूम वाले कमरों का किराया 13 रूपए था.
4. ताज होटल का डिजाइन आर्किटेक्ट सीताराम खांडेराव वैद्य और डीएन मिर्जा ने बनाया था. सीताराम की मृत्यु के बाद अंग्रेज आर्किटेक्ट डब्ल्यू ए चैंबर्स ने ताज होटल के निर्माण कार्य को पूरा करवाया था.
5. ऐसा कहा जाता है कि जमशेदजी टाटा ने ताज होटल का निर्माण इसलिए करवाया था क्योंकि उन्हें “फॉर व्हाइट ओनली” होटल में घुसने से रोक दिया गया था. लेकिन इतिहासकार शारदा द्विवेदी ने अपनी पुस्तक में उल्लेख किया है कि 1896 में बंबई में प्लेग फैल गया था, जिसके कारण लोग बंबई आने से कतराते थे. ऐसे समय में बंबई के प्रति अपना प्रेम दर्शाने के लिए जमशेदजी टाटा ने ताज होटल का निर्माण करवाया था.
Image source: NewsGram
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