भारतीय रेलवे ICF कोच को LHB कोच में क्यों बदल रहा है?

Dec 31, 2020, 13:14 IST

 भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने रेल यात्रा सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने के लिए ICF Coaches को साल 2018 में बनाना बंद कर दिया था और रेलवे अब सिर्फ LHB Coaches बनाती है।

ICF and LHB coach
ICF and LHB coach

आपने भारतीय रेल में दो अलग-अलग रंग के कोच ज़रूर देखे होंगे-- नीला और लाल। लेकिन क्या आप जानते हैं  कि भारतीय रेलवे ने नीले रंग वाले ICF Coach को बनाना  क्यों बंद कर दिया है और अब सिर्फ लाल रंग वाले  LHB coach क्यों बना रही है? आइए इस लेख में जानते हैं कि भारतीय रेलवे (Indian Railway) सिर्फ LHB coach क्यों बना रही है।

जानें ICF और LHB कोच में क्या अंतर है?

साल 2018 में  भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने रेल यात्रा सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने के लिए ICF Coaches बनाना बंद कर दिया था और रेलवे अब सिर्फ LHB Coaches बनाती है। भारतीय रेलवे मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के पारंपरिक आईसीएफ (ICF) डिजाइन के कोच को चरणबद्ध तरीके से एलएचबी (LHB) कोच में बदल रहा है। 

1- वज़न (Weight): इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) कोच की तुलना में लिंके हॉफमैन बुश (LHB) कोच का वज़न कम होता है। 

2- दुर्घटना (Accident): दुर्घटना के बाद  ICF कोच के डिब्बे एक के ऊपर एक चढ़ जाते हैं क्योंकि इसमें Dual Buffer सिस्टम होता है जबकि दुर्घटना के बाद LHB कोच के डिब्बे एक के ऊपर एक नहीं चढ़ते हैं क्योंकि इसमें Center Buffer Couling (CBC) सिस्टम होता है।

3- ब्रेक (Brake): ICF कोच में एयर ब्रेक (air brake) का प्रयोग होता है जबकि LHB कोच में डिस्क ब्रेक (disc brake) का प्रयोग होता है। 

4- बैठने की क्षमता (Seating Capacity): ICF कोच में बैठने की क्षमता कम होती है (SL-72, 3AC-64) जबकि LHB में  बैठने की क्षमता ज़्यादा होती है (SL-80, 3AC-72)। इतना ही नहीं  ये कोच LHB कोच से 1.7 meters छोटे होते हैं। 

5- राइड इंडेक्स (Ride Index): ICF कोच का राइड इंडेक्स  3.25 होता है जबकि LHB कोच का राइड इंडेक्स 2.5–2.75 के बीच होता है। 

6- आवधिक ओवरहाल (POH): ICF कोच को 18 महीनों में एक बार जबकि LHB कोच को 24 महीनों में एक बार आवधिक ओवरहाल (POH) की आवश्यकता होती है। इस वजह से  LHB कोच के रखरखाव में कम खर्चा आता है। 

7- अधिकतम अनुमेय गति (Maximum Permissible Speed): ICF कोच की अधिकतम अनुमेय गति 110 किमी प्रति घंटा है वहीं LHB कोच की अधिकतम अनुमेय गति  200 किमी प्रति घंटा है और इसकी परिचालन गति (operational speed) 160 किमी प्रति घंटा है । 

8- आरामदायक यात्रा (Comfortable Journey): यात्रा के दौरान झटकों से बचने के लिए ICF कोच में डूअल स्प्रिंग सस्पेंशन (Dual Spring Suspension) का प्रयोग किया जाता है। इसमें  एक्सल बॉक्स पर लगे क्वाइल स्प्रिंग और डैशपॉट को प्राइमरी सस्पेंशन कहते हैं और बोलेस्टर असेम्बली में लगे क्वाइल स्प्रिंग और शॉक अब्ज़ोर्बर को सेकेंड्री सस्पेंशन कहते हैं। LHB कोच की बात की जाए तो इसमें  भी दो तरह के सस्पेंशन सिस्टम का उपयोग किया जाता है। एक्सल स्प्रिंग और चार शॉक अब्जोर्बर को प्राइमरी सस्पेंशन कहते हैं और आउटर क्वाइल स्प्रिंग, इनर  क्वाइल स्प्रिंग और शॉक अब्ज़ोर्बर को सेकेंड्री सस्पेंशन कहते हैं। इस वजह से LHB कोच में  ICF कोच के मुकाबले कम झटके लगते हैं और  यात्रियों को अधिक आरामदायक यात्रा का अनुभव होता है। 

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LHB कोच सुरक्षा, गति, क्षमता, आराम आदि मामलों में ICF कोच से बेहतर होते हैं। उक्त कारणों की वजह से भारतीय रेलवे सभी ICF कोच को जल्द से जल्द LHB कोच में अपग्रेड कर रहा है। 

Arfa Javaid
Arfa Javaid

Content Writer

Arfa Javaid is an academic content writer with 2+ years of experience in in the writing and editing industry. She is a Blogger, Youtuber and a published writer at YourQuote, Nojoto, UC News, NewsDog, and writers on competitive test preparation topics at jagranjosh.com

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