दुनिया की सबसे ऊंची चोटी की बात करें, तो यह माउंट एवरेस्ट है। यह चोटी सबसे ऊंची होने के साथ-साथ सबसे मुश्किल चोटियों में शामिल है, जहां पहुंचने के लिए पर्वतारोहियों को विषम परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है। इस दौरान कई लोगों ने अपनी जान भी गवाई है।
एवरेस्ट चीन और नेपाल की सीमा पर है और इसकी उत्तरी सीमा चीन की ओर है। बीते कुछ समय में आपने माउंट एवरेस्ट की चोटी बढ़ने के बारे में सुना और पढ़ा होगा। हालांकि, क्या आप इसके पीछे के कारण के बारे में जानते हैं। वैज्ञानिकों ने शोध कर इसके पीछे एक नदी को कारण बताया है। कौन-सी है यह नदी और क्या कहती है वैज्ञानिकों की रिपोर्ट, जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें।
हर साल दो मिलीमीटर तक बढ़ रही है चोटी
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने पाया है कि माउंट एवरेस्ट से करीब 75 किलोमीटर दूर बहने वाली अरूण नदी के भूमि-स्तर के बदलाव के कारण माउंट एवरेस्ट की चोटी हर साल 2 मिमी तक ऊंची हो रही है। माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8849 मीटर है।
नदी क्यों है जिम्मेदार
शोधकर्ताओं ने पाया है कि अरूण नदी जैसे ही हिमालय के नीचे पहुचंती है, तो यह अपने साथ ढेर सारा मलबा भी लेकर पहुंचती है। यह मलबा पृथ्वी की ऊपरी सतह पर होता है, जिससे पृथ्वी की नीचली सतह यानि कि मेंटल पर दबाव कम पड़ता है और पपड़ी निकलकर नदी के साथ बहने लगती है।
इस प्रक्रियो को हम विज्ञान में आइसोस्टेटिक रिबाउंड के नाम से जानते हैं। खास बात यह है कि यह सिर्फ हिमालय के साथ नहीं है, बल्कि अन्य चोटियों के साथ भी यह देखा गया है।
कहां से निकलती है नदी
अरूण नदी का उद्गम तिब्बत से होता है। यहां से निकलने के बाद यह नदी नेपाल में बहती है। नेपाल के बाद यह नदी अन्य दो नदियों के साथ मिलती है, जिसके बाद इसका नाम कोसी नदी हो जाता है। कोसी नदी भारत में प्रवेश करती है और अंत में गंगा में जाकर मिल जाती है। इस नदी को हम बिहार के शोक के तौर पर भी जानते हैं।
कैसे हुआ था हिमालय का निर्माण
हिमालय पर्वत का निर्माण करोड़ों वर्ष पहले एशियाई और यूरेशियाई टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने की वजह से हुआ था। इन दो प्लेटों के टकराने के बाद समुद्र में मौजूद मलबा बाहर निकला और पर्वत का निर्माण हुआ। ऐसे में इसमें कोई दो राय नहीं है कि प्लेटों के टकराने की वजह से भी हिमालय की ऊंचाई बढ़ी है।
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