भारतीय रेलवे में प्रतिदिन करोड़ों यात्री सफर करते हैं, जो 13 हजार से अधिक पैसेंजर ट्रेनों के माध्यम से 68 हजार किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करते हुए सात हजार से अधिक स्टेशनों से गुजरते हैं। रेलवे की ओर से यात्रियों की सुविधा के लिए अलग-अलग ट्रेनों का संचालन किया जाता है, जिसमें एसी से लेकर नॉन-एसी ट्रेनें शामिल हैं।
आपने भी कभी-न-कभी ट्रेन से सफर किया होगा। हालांकि, इस दौरान क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि कुछ ट्रेनों के कोच पर ‘J’ अक्षर का बोर्ड लगा होता है। क्यों लगा होता है यह बोर्ड, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
भारतीय रेलवे के कोच पर क्यों लगे होते हैं बोर्ड
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि भारतीय रेलवे की ओर से कोच पर बोर्ड क्यों लगे होते हैं ? दरअसल, रेलवे की ओर से प्रत्येक कोच पर अंग्रेजी के लेटर द्वारा पहचान दी जाती है, जिससे यात्रा करने वाले यात्रियों के साथ-साथ रेलवे को भी सुविधा हो सके। इससे रेलवे को पता चलता है कि कौन-से कोच में कौन-सी सुविधा दी जा रही है।
केवल इस ट्रेन के कोच पर लगा होता है ‘J’ का बोर्ड
आपको बता दें कि भारतीय रेलवे में आपको हर किसी ट्रेन पर नहीं, बल्कि सिर्फ एक ट्रेन पर ही आपको ‘J’ का बोर्ड देखने को मिल जाएगा। इस ट्रेन का नाम गरीब रथ एक्सप्रेस है।
क्यों लगा होता है ‘J’ बोर्ड
अब हम यह जान लेते हैं कि आखिर ट्रेन में ‘J’ बोर्ड क्यों लगा होता है, तो आपको बता दें कि गरीब रथ एक्स्प्रेस में चेयर क्लास के लिए ‘J’ बोर्ड लगा होता है। इसमें केवल चेयर क्लास वाले यात्री ही यात्रा कर सकते हैं।
कम किराये में एसी सुविधा के लिए जानी जाती है ट्रेन
गरीब रथ एक्सप्रेस भारतीय रेलवे की कम किराये वाली ट्रेन है, जो कि पूरी तरह वातानुकूलित है। इस ट्रेन में अन्य ट्रेनों के थर्ड एसी के मुकाबले 40 फीसदी कम किराया होता है। यही वजह है कि इसे आम लोगों की ट्रेन भी कहा जाता है।
गरीब रथ से जुड़ी कुछ अहम बातें
अब हम गरीब रथ से जुड़ी कुछ अहम बातें जान लेते हैंः
-गरीब रथ एक्सप्रेस में खाना या बिस्तर नहीं मिलता है। यदि आप यह सुविधा लेना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए अलग से शुल्क देना होगा।
-गरीब रथ एक्सप्रेस का समय राजधानी एक्सप्रेस की तरह होता है, जो कि अपने निश्चित समय के लिए जानी जाती है।
-गरीब रथ एक्स्प्रेस में आपको राजधानी एक्स्प्रेस के कोच भी देखने को मिल जाएंगे।
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