दशकों से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ, प्रेस ने विवादास्पद मुद्दों और घटनाओं की कवरेज में महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण प्रेस की स्वतंत्रता स्वयं को अभिव्यक्त करने के मौलिक अधिकार की रक्षा करती है।
हालांकि, रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) द्वारा जारी 2024 विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक, एक चिंताजनक प्रवृत्ति को उजागर करता है। राजनीतिक अधिकारी, जिन्हें इसके सबसे प्रबल रक्षक होना चाहिए, वे ही दुनिया भर में प्रेस की स्वतंत्रता के लिए खतरा पैदा करते हैं।
बढ़ती संख्या में सरकारें और राजनीतिक संस्थाएं पत्रकारिता के लिए अनुकूलतम वातावरण को बढ़ावा देने के अपने कर्तव्य की उपेक्षा कर रही हैं, जिससे जनता की विश्वसनीय, निष्पक्ष और विविध समाचारों और सूचनाओं तक पहुंच में बाधा उत्पन्न हो रही है।
आरएसएफ ने मीडिया की स्वतंत्रता के प्रति समर्थन और सम्मान में चिंताजनक गिरावट देखी है, साथ ही राज्य और अन्य राजनीतिक संस्थाओं की ओर से दबाव भी बढ़ रहा है।
नॉर्वे पत्रकारों के लिए सबसे सुरक्षित देश है, जबकि अफ्रीकी महाद्वीप का इरीट्रिया देश प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में सबसे खराब है। भारत का स्थान 159वां है, जबकि बीते वर्ष यह 161वां था ।
पत्रकारों के लिए 10 सबसे सुरक्षित देश
राजनीतिक क्षेत्र में व्याप्त व्यापक मंदी ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक पर अपनी छाप छोड़ी है। अपना शीर्ष स्थान बनाए रखने के बावजूद नॉर्वे की राजनीतिक रेटिंग में गिरावट आई है। आठवें स्थान पर स्थित आयरलैंड ने यूरोपीय संघ में अपना प्रमुख दर्जा डेनमार्क को दे दिया है, जो अब दूसरे स्थान पर है तथा स्वीडन तीसरे स्थान पर है।
आयरलैंड की इस स्थिति के लिए राजनेताओं द्वारा मीडिया प्रतिष्ठानों के विरुद्ध न्यायिक धमकी के उदाहरणों को जिम्मेदार ठहराया गया है। वहीं, देशों की सूची इस प्रकार है:
रैंक | देश | वैश्विक स्कोर |
1 | नॉर्वे | 91.89 |
2 | डेनमार्क | 89.6 |
3 | स्वीडन | 88.32 |
4 | नीदरलैंड | 87.73 |
5 | फिनलैंड | 86.55 |
6 | एस्तोनिया | 86.44 |
7 | पुर्तगाल | 85.9 |
8 | आयरलैंड | 85.59 |
9 | स्विट्ज़रलैंड | 84.01 |
10 | जर्मनी | 83.84 |
समग्र रूप से जिन देशों में प्रेस की स्वतंत्रता फल-फूल रही है, वे मुख्य रूप से यूरोप में स्थित हैं, विशेष रूप से यूरोपीय संघ में, जिसने अपना पहला मीडिया स्वतंत्रता कानून, ईएमएफए, लागू किया है। उल्लेखनीय रूप से आयरलैंड सूचकांक के शीर्ष तीन स्थानों से खिसक गया है तथा उसका स्थान स्वीडन ने ले लिया है। इसके अलावा, प्रेस स्वतंत्रता के मामले में जर्मनी शीर्ष दस देशों की श्रेणी में आ गया है।
पत्रकारों के लिए 10 सबसे खराब देश
पत्रकारों के लिए 10 सबसे शीर्ष देशों की बात करें, तो इसमें पहले स्थान पर इरिट्रिया है, जिसका वैश्विक स्कोर 16.64 है। वहीं, इस सूची में सीरिया, अफगानिस्तान और उत्तर कोरिया भी शामिल है।
रैंक | देश | वैश्विक स्कोर |
1 | इरिट्रिया | 16.64 |
2 | सीरिया | 17.41 |
3 | अफगानिस्तान | 19.09 |
4 | उत्तर कोरिया | 20.66 |
5 | ईरान | 21.3 |
6 | तुर्कमेनिस्तान | 22.01 |
7 | वियतनाम | 22.31 |
8 | बहरीन | 23.21 |
9 | चीन | 23.36 |
10 | म्यांमार | 24.41 |
पिछले वर्ष के सूचकांक में सबसे निचले स्थान पर रहने वाले तीन एशियाई देश - वियतनाम, चीन और उत्तर कोरिया - अब उन तीन देशों द्वारा प्रतिस्थापित(रिप्लेस) कर दिए गए हैं, जिनकी राजनीतिक स्थिति में महत्वपूर्ण गिरावट आई है।
राजनीतिक पदानुक्रम में 44 पायदान नीचे खिसकने वाला अफगानिस्तान, तालिबान शासन के पुनरुत्थान के बाद से पत्रकारों के लगातार उत्पीड़न के लिए जाना जाता है। सीरिया, जो राजनीतिक रूप से आठ स्थान नीचे चला गया है, तथा इरीट्रिया, जो नौ स्थान नीचे चला गया है, अब राजनीतिक तथा समग्र रैंकिंग दोनों में सबसे निचले स्थान पर है।
ये देश प्रेस के लिए कानूनविहीन क्षेत्र बन गए हैं, तथा यहां हिरासत में लिए गए, लापता या बंदी बनाए गए पत्रकारों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है।
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