वार्षिक मौद्रिक नीति
रेपो, रिवर्स रेपो व सीआरआर में परिवर्तन:

20 अप्रैल को रिजर्व बैंक द्वारा जारी की गई अपनी वार्षिक मौद्रिक नीति में महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए प्रयास किये गये हैं। इसके तहत रिजर्व बैंक ने रेपो, रिवर्स रेपो और सीआरआर सभी में समान रूप से 0.25 फीसदी की बढ़ोत्तरी की।
सीआरआर में बढ़ोत्तरी से बैंकिंग प्रणाली में लगभग 12,500 करोड़ रुपये की कमी आएगी, जिससे महंगाई पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। इस बारे में रिजर्व बैंक के गवर्नर डी. सुब्बाराव का कहना था कि यदि महंगाई पर अंकुश नहीं लगाया गया तो अर्थव्यवस्था में सुधार की पूरी प्रक्रिया ही लडख़ड़ा जाएगी।
ब्याज दरें नहीं बढ़ेंगी
रेपो, रिवर्स रेपो और सीआरआर दरों में वृद्धि के बावजूद बैंक ब्याज दरें जल्दी नहीं बढ़ायेंगे। इसके पीछे मुख्य कारण कर्ज मांग में कमी का होना है। फिर भी कर्ज मांग बढऩे के साथ अगले दो-तीन महीने के बाद ब्याज दरों में वृद्धि संभव है।
मौद्रिक नीति में ही 1 जुलाई से बेस रेट प्रणाली लागू करने की भी बात कही गई है। यह प्रणाली बैंकों में प्रधान ब्याज दर (पीएलआर) के स्थान पर लागू की जाएगी।
मौद्रिक नीति: प्रमुख बिंदु
-रेपो दर 5.25 फीसदी।
-रिवर्स रेपो दर 3.75 फीसदी।
-सीआरआर 6.00 फीसदी।
-चालू वित्त वर्ष में जीडीपी आठ फीसदी रहने की उम्मीद।
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