World Population Review: वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू (WPR) की रिपोर्ट में अनुसार, विश्व में सबसे ज्यादा आबादी के मामलें में भारत, चीन को पीछे कर दिया है.
जनसांख्यिकी विशेषज्ञों की माने तो भारत अनुमानित समय से पहले ही चीन को आबादी के मामले में पीछे कर दिया है. विशेषज्ञों ने आगे कहा कि अपनी इस बढती आबादी के लिए पीएम मोदी को अधिक से अधिक रोजगार का सृजन करना चाहिए ताकि देश की तेज रफ्तार विकास में कोई बाधा उत्पन्न न हो.
गौरतलब है कि हाल ही में जारी चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, चीन की आबादी 2022 के अंत तक 1.41175 बिलियन है.
India surpasses China to become the world's most populous country as per projections of the World Population Review. This presents both challenges and opportunities.. We must harness the full potential for our nation's growth and development!#JaiHind 🙏🇮🇳 pic.twitter.com/urmwYzksew
— Abhinandan Kaul (@AbhinandanKaul) January 18, 2023
वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू रिपोर्ट, हाइलाइट्स:
वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू रिपोर्ट की माने तो 2022 के अंत तक भारत की आबादी 1.417 बिलियन (140 करोड़ से अधिक) थी.
भारत का यह आकड़ा हाल ही में चीन द्वारा जारी किये गए 1.41260 बिलियन से 50 मिलियन अधिक है.
WPR रिपोर्ट के अनुसार, 18 जनवरी तक भारत की आबादी 1.423 बिलियन हो चुकी है. UN ने भी भारत के इस आकड़े तक पहुचनें की उम्मीद जताई थी.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की जनसंख्या वृद्धि दर धीमी हुई है लेकिन भारत की आबादी वर्ष 2050 तक बढ़ती रहेगी.
सरकार पर रोजगार सृजन का होगा दबाव:
वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू रिपोर्ट के अनुसार, भारत की बढती आबादी के कारण सरकार पर रोजगार के सृजन का भारी दबाव होगा जिसके लिए सरकार को पहले से ही तैयार रहना पड़ेगा.
भारत ने जहाँ सेना में सैनिकों के कार्यकाल को सिमित करके चार साल कर दिया है सरकार के इस कदम से साबित होता है कि सरकार रोजगार को लेकर पहले से ही दबाव में है.
इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए सरकार आने वाले समय में देश की इकॉनमी को बूस्ट करने के लिए मैन्युफैक्चरिंग की हिस्सेदारी मौजूदा 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने पर जोर दे रही है.
वर्ल्ड बैंक के 2021 के आंकड़ों के अनुसार, भारत की श्रम शक्ति भागीदारी दर (Labor force participation rate), एक्टिव वर्कफोर्स और काम की तलाश कर रहे लोगों का एक अनुमान 46% था, जो एशिया में सबसे कम है.
कोविड के बाद इकॉनमी में दिखी है तेजी:
हालांकि कोविड के बाद भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी देखी गयी है, जो भारत के लिए एक सकारात्मक पक्ष है. भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर प्रदर्शन कर रही है.
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ ने हाल ही में कहा है कि भारत की इकॉनमी अन्य देशों की अपेक्षा बेहतर प्रदर्शन कर रही है.
हालांकि भारत खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर है. साथ ही भारत एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जिस कारण भारत के सामने आबादी को लेकर खाद्य संकट की कोई बड़ी चुनौती नहीं आने वाली है.
चीन की घट रही आबादी:
चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 के अंत में देश की आबादी 1.41175 बिलियन है जो एक साल पहले 1.41260 बिलियन थी. वर्ष 2022 में जन्म दर (Birth rate) प्रति 1,000 लोगों पर 6.77 थी. जबकि वर्ष 2021 में यह दर 7.52 प्रति 1,000 थी. इससे यह स्पष्ट है कि चीन की आबादी में इतने लम्बे दशक के बाद गिरावट दर्ज की गई है.
इसे भी पढ़े:
China’s Population: वर्ष 1961 के बाद पहली बार घटी चीन की आबादी, यहाँ जानें वजह
Shubman Gill: शुभमन गिल वनडे में दोहरा शतक लगाने वाले 5वें भारतीय बने, विशेष क्लब में हुए शामिल