Indian Railway: भारतीय रेल में हर दिन बड़ी संख्या में लोग सफर करते हैं। साथ ही बड़ी मात्रा में एक जगह से दूसरे जगह तक माल को मालगाड़ियों से पहुंचाया जाता है। इन गाड़ियों को रफ्तार देने का काम करते हैं भारतीय रेल के शक्तिशाली इंजन। जब आप कभी रेलवे स्टेशन पर पहुंचते होंगे, तो अपने सामने से ऐसे इंजनों को जरूर देखते होंगे, जिनके ऊपर पी5 और पी7 लिखा होता है। लेकिन, क्या आपको पता है कि रेलवे इंजन पर इसे क्यों लिखा जाता है और इनका क्या मतलब होता है। यदि नहीं पता है, तो आपको इस लेख के माध्यम से यह जानने को मिलेगा।
भारतीय रेल इंजन की पहचान के लिए उन्हें एक नंबर कोड प्रदान करती है। इसके द्वारा यह पता लगता है कि कौन सा इंजन किस श्रेणी का है और आखिर में कितना शक्तिशाली है। इंजन को उसकी श्रेणी के हिसाब से काम में लगाया जाता है।
जिन इंजन पर WAP-5 और WAP-7 लिखा होता है, वे वाइड गेज हाई स्पीड इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव होते हैं, जिनका उपयोग और संचालन भारतीय रेलवे द्वारा किया जाता है। यह अक्सर सफेद रंग का इलेक्ट्रिक इंजन होता है।
अब समझते हैं इन शब्दों का मतलब
WAP में W का मतलब वाइड गेज होता है। वहीं, A का मतलब अल्टरनेटिंग करंट या इलेक्ट्रिक और P का मतलब पैसेंजर से होता है। फिर अंत में दिए गए नंबर उस हॉर्स पावर के बारे में बताते हैं, जो लोकोमोटिव उत्पन्न कर सकता है। यानि यहां 5 का मतलब 5000 हॉर्स पावर और 7 का मतलब 7000 हॉर्स पावर से है।
WAP-5 और WAP-7 की क्या हैं विशेषताएं
1995 में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पैक्ट के तहत पहले WAP-5 लोकोमोटिव इंजन ABB स्विट्जरलैंड से आयात किए जा रहे थे। इस इंजन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें भारतीय रेलवे के किसी भी मौजूदा लोकोमोटिव की तुलना में अधिक गति क्षमता है। आपको बता दें कि आयात किए जा रहे पहले 10 लोकोमोटिव में केवल 150 किमी/घंटा की गति सीमा थी। लेकिन, बाद में इसे 200 किमी/घंटा की परिचालन गति और 225 किमी/घंटा की अधिकतम स्वीकार्य गति के लिए सक्षम बनाया गया। इसके अलावा लोकोमोटिव कपलिंग सिस्टम को भी फिर से डिजाइन किया गया था और भारतीय रेलवे की यात्री ट्रेनों के साथ बेहतर तालमेल के लिए हर्थ कपलिंग सिस्टम से वैकल्पिक ड्राइव गियर असेंबली कपलिंग सिस्टम को इन लोकोमोटिव में जोड़ा गया था। इसके अलावा इन लोकोमोटिव में होटल लोड के लिए मुख्य लोको ट्रांसफॉर्मर से टीएपीएस का प्रावधान है। यानी इसमें HOG लोकोमोटिव के तौर पर ट्रेन खींचने की पूरी क्षमता है। WAP-5 लोकोमोटिव में 5000 hp और चरम पर 6000 hp प्रदान करने की क्षमता होती है। इसकी मुख्य विशेषता रिजनरेटिव ब्रेकिंग है। इस लोकोमोटिव की ब्रेकिंग प्रणाली में 160 kN (36,000 lbf) रिजनरेटिव ब्रेक्स, लोको डिस्क ब्रेक, स्वचालित ट्रेन एयर ब्रेक और चार्ज स्प्रिंग पार्किंग ब्रेक शामिल हैं।
वहीं, WAP-7 23 वर्षों से अधिक समय से यात्री ट्रेनों की सेवा करने वाले भारतीय रेलवे के सबसे सफल इंजनों में से एक है। यह उच्च गति पर हल्के भार को खींचने के लिए संशोधित गियर अनुपात के साथ WAG-9 फ्रेट लोकोमोटिव का एक यात्री संस्करण है। 6,350 hp (4,740 kW) के उत्पादन के साथ यह भारतीय रेलवे के बेड़े में सबसे शक्तिशाली यात्री लोकोमोटिव WAP-7 इंजन 24 कोच वाली ट्रेनों को 110-140 किमी/घंटा (68-87 मील प्रति घंटे) की गति से खींचने में सक्षम है। 2019 में WAP-7 के एक संस्करण WAP-7HS को उच्च गति के लिए पेश किया गया था। WAP-7HS की अधिकतम गति 180 किमी/घंटा (110 मील प्रति घंटे) है। यह 160 किमी/घंटा (99 मील प्रति घंटे) पर 24-कार ट्रेन खींचने में सक्षम है। शताब्दी, राजधानी और दुरंतो एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए WAP-7HS का उपयोग करने की योजना पर भी काम चल रहा है।
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