हिंदी दिवस पर कविताएँ (Poems on Hindi Diwas)

हिंदी दिवस भारत में 14 सितंबर को हिंदी भाषा के महत्व और प्रचार-प्रसार के लिए मनाया जाता है। हिंदी दिवस पर स्कूली छात्र हिंदी कविताओं का पाठ करते हैं। यहाँ हिंदी दिवस पर 5 कविताएँ दी गई हैं जो स्कूली छात्रों द्वारा इन कार्यक्रमों में पढ़ी जा सकती हैं।

Sep 13, 2024, 12:21 IST
हिंदी दिवस पर कविताएँ (Poems on Hindi Diwas)
हिंदी दिवस पर कविताएँ (Poems on Hindi Diwas)

हर साल 14 सितंबर को भारत में हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य हिंदी भाषा के महत्व और प्रचार-प्रसार के लिए जागरूकता पैदा करना है। यह दुनिया भर में लगभग 500 मिलियन लोगों द्वारा बोली जाती है। हिंदी दिवस के अवसर पर, कई स्कूलों में स्कूल एसेंबली और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में, छात्र अक्सर हिंदी भाषा और संस्कृति से संबंधित कविताओं का पाठ करते हैं। इस दिन का उद्देश्य हिंदी भाषा को बढ़ावा देना और उसकी सुंदरता को सम्मानित करना है। हिंदी दिवस हमें हमारी भाषा पर गर्व करने और उसे रोजमर्रा की जिंदगी में अधिक से अधिक उपयोग करने की प्रेरणा देता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारी मातृभाषा ही हमारी पहचान है और इसे सहेजना हम सबकी जिम्मेदारी है। यहाँ हिंदी दिवस पर 5 कविताएँ दी गई हैं जो स्कूली छात्रों द्वारा इन कार्यक्रमों में पढ़ी जा सकती हैं।

 हिंदी दिवस पर कविताएँ

1.  जय हिंदी

संस्कृत से जन्मी है हिन्दी,

शुद्धता का प्रतीक है हिन्दी ।

लेखन और वाणी दोनो को,

गौरान्वित करवाती हिन्दी ।

उच्च संस्कार, वियिता है हिन्दी,

सतमार्ग पर ले जाती हिन्दी ।

ज्ञान और व्याकरण की नदियाँ,

मिलकर सागर सोत्र बनाती हिन्दी ।

हमारी संस्कृति की पहचान है हिन्दी,

आदर और मान है हिन्दी ।

हमारे देश की गौरव भाषा,

एक उत्कृष्ट अहसास है हिन्दी ।।

-प्रतिभा गर्ग

2. निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल

बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।

अंग्रेजी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत प्रवीन

पै निज भाषा-ज्ञान बिन, रहत हीन के हीन।

उन्नति पूरी है तबहिं जब घर उन्नति होय

निज शरीर उन्नति किये, रहत मूढ़ सब कोय।

निज भाषा उन्नति बिना, कबहुं न ह्यैहैं सोय

लाख उपाय अनेक यों भले करे किन कोय।

इक भाषा इक जीव इक मति सब घर के लोग

तबै बनत है सबन सों, मिटत मूढ़ता सोग।

और एक अति लाभ यह, या में प्रगट लखात

निज भाषा में कीजिए, जो विद्या की बात।

तेहि सुनि पावै लाभ सब, बात सुनै जो कोय

यह गुन भाषा और महं, कबहूं नाहीं होय।

विविध कला शिक्षा अमित, ज्ञान अनेक प्रकार

सब देसन से लै करहू, भाषा माहि प्रचार।

भारत में सब भिन्न अति, ताहीं सों उत्पात

विविध देस मतहू विविध, भाषा विविध लखात।

सब मिल तासों छांड़ि कै, दूजे और उपाय

उन्नति भाषा की करहु, अहो भ्रातगन आय।

- भारतेंदु हरिश्चंद्र 

3. भाल का शृंगार

माँ भारती के भाल का शृंगार है हिंदी

हिंदोस्ताँ के बाग़ की बहार है हिंदी

घुट्टी के साथ घोल के माँ ने पिलाई थी

स्वर फूट पड़ रहा, वही मल्हार है हिंदी

तुलसी, कबीर, सूर औ' रसखान के लिए

ब्रह्मा के कमंडल से बही धार है हिंदी

 सिद्धांतों की बात से न होयगा भला

अपनाएँगे न रोज़ के व्यवहार में हिंदी

 कश्ती फँसेगी जब कभी तूफ़ानी भँवर में

उस दिन करेगी पार, वो पतवार है हिंदी

 माना कि रख दिया है संविधान में मगर

पन्नों के बीच आज तार-तार है हिंदी

सुन कर के तेरी आह 'व्योम' थरथरा रहा

वक्त आने पर बन जाएगी तलवार ये हिंदी

-डॉ जगदीश व्योम

4. अभिनंदन अपनी भाषा का

करते हैं तन-मन से वंदन, जन-गण-मन की अभिलाषा का

अभिनंदन अपनी संस्कृति का, आराधन अपनी भाषा का।

यह अपनी शक्ति सर्जना के माथे की है चंदन रोली

माँ के आँचल की छाया में हमने जो सीखी है बोली

यह अपनी बँधी हुई अंजुरी ये अपने गंधित शब्द सुमन

यह पूजन अपनी संस्कृति का यह अर्चन अपनी भाषा का।

अपने रत्नाकर के रहते किसकी धारा के बीच बहें

हम इतने निर्धन नहीं कि वाणी से औरों के ऋणी रहें

इसमें प्रतिबिंबित है अतीत आकार ले रहा वर्तमान

यह दर्शन अपनी संस्कृति का यह दर्पण अपनी भाषा का।

यह ऊँचाई है तुलसी की यह सूर-सिंधु की गहराई

टंकार चंद वरदाई की यह विद्यापति की पुरवाई

जयशंकर की जयकार निराला का यह अपराजेय ओज

यह गर्जन अपनी संस्कृति का यह गुंजन अपनी भाषा का।

– सोम ठाकुर

5. हिंदी हमारी आन बान शान

हिंदी हमारी आन है, हिंदी हमारी शान है, 

हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है, 

हिंदी हमारी वर्तनी, हिंदी हमारा व्याकरण, 

हिंदी हमारी संस्कृति, हिंदी हमारा आचरण, 

हिंदी हमारी वेदना, हिंदी हमारा गान है, 

हिंदी हमारी आत्मा है, भावना का साज़ है, 

हिंदी हमारे देश की हर तोतली आवाज़ है, 

हिंदी हमारी अस्मिता, हिंदी हमारा मान है, 

हिंदी निराला, प्रेमचंद की लेखनी का गान है, 

हिंदी में बच्चन, पंत, दिनकर का मधुर संगीत है, 

हिंदी में तुलसी, सूर, मीरा जायसी की तान है, 

जब तक गगन में चांद, सूरज की लगी बिंदी रहे, 

तब तक वतन की राष्ट्र भाषा ये अमर हिंदी रहे, 

हिंदी हमारा शब्द, स्वर व्यंजन अमिट पहचान है, 

हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है।

– अंकित शुक्ला

हिंदी दिवस कोट्स 2024: Hindi Diwas Quotes 

क्वोट -1 

हम सब का अभिमान हैं हिन्‍दी

भारत देश की शान हैं हिन्‍दी

क्वोट -2

हिंदी है भारत की आशा

हिंदी है भारत की भाषा

हिंदी दिवस पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।

क्वोट -3

भारत मां के भाल पर सजी स्वर्णिम बिंदी हूं,

मैं भारत की बेटी आपकी अपनी हिंदी हूं।

क्वोट -4

हमारी एकता और अखंडता ही हमारे देश की पहचान है,

हिंदुस्तान हैं हम और हिंदी हमारी जुबान है।

क्वोट -5

अपने वतन की सबसे प्यारी भाषा

हिंदी जगत की सबसे न्यारी भाषा

क्वोट -6

भारत देश की आशा है, हिंदी अपनी भाषा है,

जात-पात के बंधन को तोड़े, हिंदी सारे देश को जोड़े।

क्वोट -7

अभिव्यक्ति की खान है, भारत का अभिमान है,

हिंदी दिवस हिंदी भाषा के लिए एक अभियान है!

क्वोट -8

विविधताओं से भरे इस देश में लगी भाषाओं की फुलवारी है,

इनमें हमको सबसे प्यारी हिंदी मातृभाषा हमारी है।

क्वोट -9

हिंदी दिवस पर हमने ठाना है

लोगों में हिंदी का स्वाभिमान जगाना है,

हम सब का अभिमान है हिंदी

भारत देश की शान है हिंदी।

क्वोट -10

 हिंदी को आगे बढ़ाना है,

उन्नति की राह पर ले जाना है,

केवल एक दिन ही नहीं,

हमें नित हिंदी दिवस मनाना है,

हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

हिंदी दिवस पर शायरी: Hindi Diwas Shayari 2024

शायरी - 1

प्यार मोहब्बत भरा है जिसमें

जिससे जुड़ी हर आशा है

मिश्री से भी मीठी है

वो हमारी हिंदी भाषा है।

शायरी - 2

हिंदी को आगे बढ़ाना है,

उन्नति की राह पर ले जाना है

केवल एक दिन ही नहीं,

हमें नित हिंदी दिवस मनाना है !

शायरी - 3

वक्ताओं की ताकत भाषा

लेखक का अभिमान हैं भाषा

भाषाओं के शीर्ष पर बैठी

मेरी प्यारी हिंदी भाषा !

शायरी - 4

हिंदी की बिंदी, पोते की शान,

यह बिना अधूरा है हिंदुस्तान।”

अपनी भाषा पर करो गर्व,

हिंदी है हमारी संस्कृति का पर्व।

शायरी - 5

हिन्दी है हमारी पहचान,

स्थान है ऊंचा स्थान।”

बोलेगा जब सारा भारत हिंदी,

बनेगा हमारा देश महान।

हिंदी दिवस 2024 छात्रों के लिए हिंदी भाषा की समृद्धि से जुड़ने का एक शानदार मौका है। स्कूल के छात्रों के लिए ये छोटे-छोटे कविताएं हिंदी दिवस का जश्न मनाने और उसकी सराहना करने का सरल तरीका प्रदान करती हैं। इन गतिविधियों में भाग लेकर, छात्र हिंदी दिवस की भावना को समझ सकते हैं और इन कविताओं से हिंदी की महत्वता को प्रेरित कर सकते हैं।

Anisha Mishra
Anisha Mishra

Content Writer

Anisha Mishra is a mass communication professional and content strategist with a total two years of experience. She's passionate about creating clear, results-driven content—from articles to social media posts—that genuinely connects with audiences. With a proven track record of shaping compelling narratives and boosting engagement for brands like Shiksha.com, she excels in the education sector, handling CBSE, State Boards, NEET, and JEE exams, especially during crucial result seasons. Blending expertise in traditional and new digital media, Anisha constantly explores current content trends. Connect with her on LinkedIn for fresh insights into education content strategy and audience behavior, and let's make a lasting impact together.
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FAQs

  • हिंदी दिवस 14 सितंबर को क्यों मनाया जाता है?
    +
    हिंदी भाषा को 14 सितंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने देश की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया और मंजूरी दी।
  • हिंदी को राष्ट्रभाषा कब बनाया गया था?
    +
    संविधान सभा ने लम्बी चर्चा के बाद 14 सितम्बर 1949 को हिन्दी को भारत की राजभाषा स्वीकारा गया। इसकी स्मृति में 14 सितम्बर का दिन प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • हिंदी दिवस की थीम क्या है?
    +
    इस बार बार का थीम “हिंदी पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम बुद्धिमत्ता तक ” है।

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