झारखंड के सरकारी स्कूलों के बच्चे पढ़ेंगे ‘दिशोम गुरु’ की जीवनी, कोर्स में शामिल होगी इन हस्तियों की वीर गाथा

Dishom Guru Biography In Curriculum: झारखंड के बच्चे अब दिशोम गुरु की जीवनी पढ़ेंगे, यह उनके पाठ्यक्रम का हिस्सा होगी। कक्षा 1 से 12 तक की विभिन्न विषयों की पुस्तकों में दिशोम गुरु के संघर्षों का उल्लेख होगा। इससे आने वाली पीढ़ी को समाज में उनके योगदान को समझने में मदद मिलेगी।

Mahima Sharan
Aug 22, 2025, 14:04 IST
Dishom Guru Biography In Curriculum
Dishom Guru Biography In Curriculum

दिशोम गुरु शिबू केवल झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नहीं थे, बल्कि आदिवासियों की आवाज थे। सोरने झारखंड के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण नेताओं में से एक थे और यही कारण है कि लोग उन्हें दिशोम गुरु के नाम से जानते है। उन्होंने आदिवासियों के अधिकारों के लिए काफी काम किया। साथ ही उन्होंने झारखंड राज्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

छात्र पढ़ेंगे दिशोम गुरु की संघर्ष गाथा

दिशोम गुरु शिबू ने राज्य के हित में जो भी कार्य किए है अब इसकी कहानियां बच्चों को पढ़ाई जाएगी। बता दें कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरू शिबू सोरेन की जीवनी अब सरकारी स्कूलों के बच्चें पढ़ेंगे। उनकी जीवनी और संघर्ष गाथा को कोर्स में शामिल किया जा रहा है।

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने कक्षा एक से आठ की किताबों को नए सिरे से तैयार किया है, जिनमें दिशोम गुरू के अलावा झारखंड के कई अन्य बड़ी हस्तियों की जीवनी के बारे में बच्चों को जानने का अवसर मिलेगा।

इन हस्तियों के बारे में मिलेगा जानने का मौका

दिशोम गुरू के कुछ अन्य हस्तियों की जीवनी कोर्स में शामिल की है, जिन्होंने राज्य की हित में अहम कदम उठाए हैं। इनमें विनोद बिहारी महतो, डा. रामदयाल मुंडा प्रमुख की जीवनियां भी सम्मिलित है।

इन दोनों का ही योगदान झारखंड आंदोलन के साथ-साथ राज्य में शिक्षा को सुधार करने के लिए भी रहा है। धनबाद में विनोद बिहारी महतो के नाम से एक कॉलेज भी बनाया गया है, जिसका नाम है विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय।

वहीं, डा. रामदयाल मुंडा के नाम से रांची में जनजातीय शोध संस्थान है। दिशोम गुरू के अलावा इन दोनों की भी बायोग्राफी को कोर्स में शामिल करने की सहमति मिली है।

हालांकि निर्मल महतो को भी बच्चों के कोर्स में शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, इसपर अभी पूरी तरह सहमति नहीं बन सकी है।

झारखंड आंदोलन पर केंद्रित होंगे पाठ्यक्रम

झारखंड और छात्र आंदोलन में निर्मल महतो ने बड़ी भूमिका निभाई है। इसमें एक अन्य नाम एनई होरो भी शामिल है, जिनकी जीवनी बच्चों को पढ़ाई जाएगी। बता दें कि स्कूली पाठ्यक्रमों का एक बड़ा हिस्सा झारखंड आंदोलन पर केंद्रित किया जा रहा है।

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पाठ्यक्रम बदलने पर लंबे समय से चल रही थी प्लानिंग

स्कूली पाठ्यक्रम में दिशोम गुरू की जीवनी को शामिल करने की तैयारी उस समय से चल रही है, जब वह जीवित थे। तत्कालीन शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने भी विभाग को इस आशय का निर्देश दिया था। मंत्री रहते हुए रामदास सोरेन ने भी जेसीईआरटी को इस संबंध में निर्देश दिया था।


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Sub Editor

Mahima Sharan, working as a sub-editor at Jagran Josh, has graduated with a Bachelor of Journalism and Mass Communication (BJMC). She has more than 3 years of experience working in electronic and digital media. She writes on education, current affairs, and general knowledge. She has previously worked with 'Haribhoomi' and 'Network 10' as a content writer. She can be reached at mahima.sharan@jagrannewmedia.com.

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