देश की रक्षा कर रहे जवानों के लिए यह माह यानी मई का महिना खुशखबरी लेकर आया है. जी हाँ क्योंकि सेना, नौसेना एवं वायुसेना के कर्मियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वर्तमान माह से ही बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा.
उल्लेखनीय है कि सरकार ने सेना के वेतन पैकेज को पिछले सप्ताह ही बढ़ा दिया था जब केन्द्रीय कैबिनेट ने तीनों सेनाओं की कुछ मांगों जिनमें विकलांगता पेंशन वितरित करने की पुरानी व्यवस्था को बहाल करना भी शामिल है, को स्वीकार कर लिया था.
इस बाबत तीनों सेनाओं ने सबके लिए निर्देश जारी किये हैं ताकि मई के वेतन में संशोधित वेतन एवं बकाया का सबको वितरण किया जा सके.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा, ‘‘वर्तमान माह के वेतन में संशोधित वेतन देने के लिए निर्देश जारी कर दिये गये हैं।’’ सातवें वेतन आयोग के सिफारिश के आधार पर बढे हुए वेतन जनवरी 2016 से दिये जायेंगे.
आपको ज्ञात होगा की केन्द्रीय कर्मियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिश पहले ही लागू कर दी गयी है परन्तु, रक्षाकर्मियों ने वेतन से जुड़ी कुछ विसंगतियों का मुद्दा उठाया था जिस कारण आयोग की सिफारिश लागू नहीं हो पा रही थी.
सातवें आयोग की सिफारिश लागू होने के बाद वेतन में कितनी होगी बढ़ोतरी:
- अब सेनाओं में भर्ती होने वाले जवान का न्यूनतम मूल वेतन 21700 हो जायेगा.
- जबकि तीनों सेनाओं के प्रमुखों का वेतन 90 हजार से बढकर 2.57 लाख हो जाएगा.
- रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार मिलिटरी सर्विस पे (एमएसपी) में भी बढोत्तरी कर दी गई है. जो गैर अधिकारी वर्ग में दो हजार से बढ़ाकर 5200 रूपये प्रतिमाह की गई है.
- साथ ही साथ सैन्य बलों के वेतन में भी बढोत्तरी केंद्रीय कार्मिकों की भांति पे बैंड एवं ग्रेड पे को मिलाकर 2.57 गुना के बराबर की गई है. लेकिन केंद्रीय कर्मियों का न्यूनतम मूल वेतन 18 हजार रूपये प्रतिमाह किया गया है जबकि सैन्य बलों के लिए इसे 21700 रूपये प्रतिमहिना रखा गया है.
क्या है वेतन आयोग एवं सातवाँ वेतन आयोग:
केंद्र सरकार केंद्रीय वेतन आयोग का गठन कर्मचारियों के वेतनमान, सेवा निवृत्ति के लाभ और अन्यि सेवा शर्तों संबंधी मुद्दों पर विचार करने के लिए समय-समय पर करती है. वेतन आयोग का गठन हर दस वर्ष पर किया जाता है और गौरतलब है कि प्रत्येक राज्य अपनी सुविधा के अनुसार उसे कुछ संसोधनो के साथ अपनाते हैं. ज्ञात हो कि प्रथम वेतन आयोग का गठन मई 1946 में श्रीनिवास वरदाचारी की अध्यक्षता में किया गया था. और उस से अब तक 6 और वेतन आयोग का गठन किया जा चुका है.
केंद्र सरकार ने सितम्बर 2013 में सातवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी प्रदान कर दी थी. सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अशोक कुमार माथुर इसके अध्यक्ष नियुक्त हुए. पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस सचिव विवेक रॉय इसके पूर्णकालिक सदस्य निदेशक तथा राष्ट्रीय सार्वजानिक वित्त नीति संस्थान के रतीन रॉय अंशकालिक नियुक्त हुए. व्यय विभाग की विशेष कार्य अधिकारी मीना अग्रवाल वेतन पैनल की सचिव बनायी गयीं थी.
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