कर्मचारी चयन आयोग ने हाल ही में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के कार्यकारी पदों के लिए महिला और पूरूष उम्मीदवारों की भर्ती के लिए एक अधिसूचना जारी की है। सरकारी अधिसूचना के अनुसार, शारीरिक परीक्षण और स्वास्थ्य परीक्षण का टेस्ट दिल्ली पुलिस द्वारा लिया जाएगा जबकि कम्यूटर आधारित टेस्ट और मेरिट लिस्ट तैयार करने की जिम्मेदारी एसएससी के पास होगी, जिसके आधार पर उम्मीदवारों की नियुक्ति दिल्ली पुलिस विभाग में की जाएगी। भारत में अक्सर यह कहा जाता है कि हमारे देश में यदि आपको सरकारी नौकरी हासिल करनी है, तो आपको संबंधित विभाग को कुछ पे (पैसा देना) करना होगा, बिना इसके आप नौकरी नहीं पा सकते, चाहे आप कितने ही कुशल क्यों ना हों। राज्यों के पुलिस विभाग तथा दिल्ली पुलिस भी इस तरह के आरोपों से अछूती नहीं रही हैं। इस तरह की अवधारणा बनने से कई बार उम्मीदवारों को कुछ हासिल करने की चाहत में कुछ देना वाली बात ज्यादा सटीक लगने लगती है।
दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल: क्या है रिश्वत की सच्चाई ?
यह एक ऐसा मुद्दा है जिसका पूरी तरह से कभी भी पता नहीं लगाया जा सकता, क्योंकि हम ऐसी गतिविधि के बारे में बात कर रहे हैं जो मानव प्रकृति में शामिल है। यह पूरी तरह से गैरकानूनी है और कोई भी इस तरह की गतिविधि को सरेआम अंजाम नहीं दे सकता। यहां तक कि झूठ की समस्या ज्यादा बड़ी है। हर कोई जानता है कि रिश्वत देना और लेना दोनों गैरकानूनी है, लेकिन अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए संबंधित अधिकारी को चुपचाप रिश्वत दी जाती है और यही असल समस्या है। पिछले दशक में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां उम्मीदारों ने रिश्वत देकर सरकारी नौकरी हासिल की हैं। जाहिर है कि कभी इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई क्योंकि ऐसा कुछ ही कर्मचारियों की वजह से हुआ है, ना कि पूरे संगठन की तरफ से। इससे पूरे संगठन की छवि खराब हुई होगी, लेकिन दूसरी तरफ आपको यह ध्यान में रखना चाहिए कि ऐसे लोगों को संगठन की परवाह नहीं होती है उनका काम सिर्फ औऱ सिर्फ मौद्रिक लाभ कमाना होता है और इसके लिए वे लालायित रहते हैं।
तो फिर वास्तविकता क्या है? आपको किसी भी सरकारी नौकरी में चयनित होने के लिए घूस देने की जरूरत नहीं है। ऐसा करने से नौकरी में चयन होने की साफ सुथरी प्रक्रिया धूमिल होती है और यह स्वभाव के बिल्कुल विपरीत है। दिल्ली पुलिस भी एक अपवाद नहीं है। हाँ, उदाहरण के तौर पर ऐसे मामले अतीत में ही आए हैं जब जॉब पाने के लिए मेडिकल फिटनेस या शारीरिक परीक्षण की परीक्षा में क्लीन चिट पाने के लिए ऐसी हरकतें की गयी l लेकिन इसका मतलब यह नहीं हुआ कि पूरा संगठन इसका समर्थन करता है। आपका चयन शारीरिक परीक्षा में आपके द्वारा दिए गए प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है और एक बार जब आप इस प्रक्रिया में सफल हो जाते हैं तो फिर आपको एसएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली कंप्यूटर आधारित भर्ती परीक्षा में शामिल होना होता है। जब आपका प्रावधिक तरीके से चयन हो जाता है तो फिर सरकार द्वारा आपकी विस्तृत चिकित्सा जांच की जाती है। इन तीनों चरणों में से किसी में भी भ्रष्टाचार के कई मौके हैं। आपको सतर्क रहने की जरूरत है और किसी भी तरह की गडबड़ी मालूम होने पर आप दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार विरोधी शाखा को रिपोर्ट कर सकते हैं।
वास्तविकता यह है कि हम लोगों में से ही कुछ लोग ऐसे हैं जो अनुचित तरीके से इस तरह के कार्यों को प्रोत्साहन देते हैं। इस तरह की घूसखोरी को बंद करने के लिए कदम उठाने ही होंगे। एक संगठन के रूप में दिल्ली पुलिस में सबसे अच्छी प्रतिभा का चयन निष्पक्ष तरीके से होने के प्रयास को सुनिश्चित किया जाना चाहिए। यह हमारा कर्तव्य है कि हम दिल्ली पुलिस को एक मौका दें और ऐसे लोगों को पुलिस में लाने (चुनने) में मदद करें जो वास्तव में दिल्ली में हो रहे अपराध पर नियंत्रण पा सकें। बलात्कार और छेड़छाड़ के भयानक मामलों ने देश की राजधानी दिल्ली को रेप कैपिटल बना दिया है। यह समय है कि हम एक स्वच्छ शासन व्यवस्था के लिए एक स्टैंड लें या उसमें मदद करें। अगली बार यदि कोई आपसे रिश्वत मांगता है तो तुरंत इसकी शिकायत करें। अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखें और समाज में बदलाव लाने का प्रयास करें l
ऑल द बेस्ट!!
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