कैसे करें बोर्ड एग्जाम की तैयारी ? यह एक बड़ा सवाल हैं | परीक्षा कोई भी हो उसमें आप की तैयारी और उसे लेकर बनाई गई रणनीति विशेष मायने रखती है। कुछ छात्रों में बोर्ड परीक्षा को लेकर एक अजीब सा डर रहता है। पूरी तैयारी के बावजूद भी उन्हें मुश्किलें आती हैं। बोर्ड परीक्षा के लिए अच्छी तैयारी के अलावा जरूरी है कि इसे पूर्ण रूप से नियोजित बनाएँ। अक्सर देखा गया है दसवीं के छात्रों को पहली बार बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित होना रहता है। इस कारण परीक्षा की तैयारी को लेकर छात्र काफी तनाव में रहते हैं। ऐसे में विशेषज्ञों द्वारा दिए गए सुझाव से काफी लाभ मिलता है। दसवीं बोर्ड की परीक्षा 600 अंकों की होती है जिसमें सभी विषय 100- 100 अंकों के होते है। इसलिए छात्रों को चाहिए कि सभी विषयों को समय सारणी बनाकर प्रतिदिन अध्ययन करें। अक्सर देखा गया है कि जो विषय छात्रों को ज्यादा आता है उससे ज्यादा पढ़ते हैं और जो विषय कम समझ में आता है उसको हल्के अंदाज में लेते हैं। इस तरह की स्थिति घातक हो सकती है एग्जाम की तैयारी के लिए | इसलिए एक स्मार्ट स्ट्रेटेजी बनाकर टाइम-टेबल के अनुसार अभी से तैयारी शुरू कर देंगे तो बोर्ड एग्जाम के समय तक सब्जेक्ट पर बढ़िया पकड़ बनाकर बेहतर मार्क्स प्राप्त कर सकते है | करियर की दृष्टि से या फिर हायर एजुकेशन में, 12वी के अंक भविष्य की स्ट्रेटजी तय करते है | आइये जाने कुछ जरुरी बाते जो आपके बोर्ड एग्जाम की तैयारी के लिए काफी हद तक होंगी सहायक |
टाइम टेबल बना कर पढाई करें :
पढ़ाई में आपको मेहनत के अनुसार सफलता मिले इसके लिए जरूरी है कि आप अपनी दिनचर्या को नियमित करें तथा इसको एक समय—सारणी के रूप में व्यवस्थित भी करें। आपकी समय—सारणी ऐसी हो जिसमें आपके शरीर को आराम भी मिल सके और अधिकतम समय अध्ययन केंद्रित भी रहे। शुरुवात में स्कूल में पढाए गये पाठ्यक्रम को रोजाना घर में दोहराये | इससे उसी वक़्त आपको समझ आ जायेगा कि पढ़ाया हुआ टॉपिक आपको कितना समझ आया हैं और आप उसी समय उसे अन्य किसी मित्र अथवा टीचर से पूछ सकते हैं | अपने डाउट जरुर समय रहते क्लियर करे क्युकि समय रहते डाउट न समझने से उलझने बढती हैं और आत्मविश्वास में कमी आती हैं | अगर शुरू से ही कठिन टॉपिक पर पकड़ बनाते चलेंगे तो आखरी में परेशानी नहीं होगी | जहां तक विषय की बात है तो आपके टाइम टेबिल में सभी विषयों को प्रमुखता देना जरूरी है। यदि आप नियमित रूप से ऐसा करेंगे, तो विश्वास कीजिए आपका आधा तनाव तो अपने आप ही छूमंतर हो जाएगा। दरअसल, ऐसा कहने की वजह यह है कि परीक्षा परिणाम को बेहतर करने में किसी एक विषय की नहीं बल्कि सारे विषयों के समग्र अंकों के कुल योग का महत्व होता है। प्रायः ऐसा देखा गया है कि कुछ बच्चे किसी एक विषय में तो बहुत अच्छा स्कोर करते हैं, जबकि दूसरे में औसत। इससे उनके एग्जाम रिजल्ट के कुल अंक प्रतिशत पर असर पड़ता है।
प्रश्नों को लिखने का तरीका सुधारें :
कभी-कभी आपको सभी प्रश्नों के उत्तर पता होते हैं और आप बहुत अच्छे से उन्हें हल भी करते हैं लेकिन फिर भी कम मार्क्स मिलते हैं इसका एक ही कारण हैं आपके लिखने का तरीका | सबसे पहले अपने लिखने का तरीका बदले |
- हैण्ड राइटिंग अच्छी रखे
- सफाई से लिखे
- प्रश्न के उत्तर को बाँट कर लिखे | उसमे हैडिंग, सब हैडिंग हो
- बुलेट पॉइंट्स हो
- एक डायग्राम जरुर हो
- टेबल हो
इस तरह से लिखने पर चेकर कभी आपके मार्क्स नहीं कटेगा और अगर आप सवाल के एक्यूरेट उत्तर को नहीं भी जानते हैं और आप वह प्रश्न छोड़ना नहीं चाहते हैं तब उन्हें इस तरह से हल करने पर आपको आधे या उससे ज्यादा मार्क्स मिलेंगे | यह तरीका हमेशा फायदेमंद होता हैं |उपर लिखे पॉइंट्स के हिसाब से महत्वपूर्ण प्रश्नों को हल करे और अपनी नोट बूक में लिखे |ताकि आपको इस पैटर्न की आदत हो जाये |
टॉपिक विभाजित कर पढ़ाई करें :
ऐसा देखा गया है कि विघार्थी बहुत सारी चीजों को एक साथ और एक ही दिन में पढ़ने की कोशिश करतें है। ऐसा करने से बचना चाहिए। आप प्रत्येक विषय को टॉपिक में विभाजित करें और एक दिन में आप एक विषय की एक टॉपिक का पूरा अध्ययन करें और उन इकाई से संबंधित प्रश्न और सभी डाउट अच्छी तरह हल करें । दरअसल, इससे आपका आत्मविश्वास उस विषय के प्रति बढ़ेगा। यहां पर आप एक या दो चैप्टर को मिलाकर भी टॉपिक बना सकते हैं |
फ्लो चार्ट का उपयोग करे :
कोई भी बड़ी और मुश्किल से याद होनी वाली चीजों को आप अलग अलग हिस्सों में करके याद करने की कोशिस करे, किसी भी बड़ी चीज को याद करने का आसान तरीका यही है की उसे अपने हिसाब से छोटा करके याद रखे की जब आप एग्जाम में उसे लिखना शुरू करो तो उन छोटे छोटे हिस्सों से वो पूरा याद आजाये |
पुराने पेपर्स सॉल्व करें :
बोर्ड परीक्षाओं कि तैयारी करने का सबसे अच्छा तरीका यह हैं कि आप पुराने वर्षो के पेपर्स को सॉल्व करें इनसे आपको बहुत मदद मिलती है, और उनमे से कुछ प्रश्न ऐसे भी होते हैं जो हर बार आपके प्रश्न पत्र में आते हैं, इसलिए पुराने वर्षो के पेपर्स को हल करना बिलकुल भी ना भूलें | पूर्व 10 वर्ष के पेपर पढ़े और उन्हें हल करे | सभी विषयों की अलग नोट बूक बनाकर उन में एक साथ सभी अनसाल्व्ड प्रश्नों को साल्व्ड करके लिखे जिससे एग्जाम के समय सभी महत्वपूर्ण प्रश्न एक ही जगह मिल जायें |
सैंपल पेपर की मदद :
विघार्थी कभी—कभी घर पर तो बहुत अच्छा करता है, लेकिन परीक्षा में जाते ही उसका आत्मविश्वास कम हो जाता है। वह कन्फयूज्ड’ होने लगता है। इसका एक ही समाधान है कि विघार्थी सैंपल पेपर से उत्तर लिखने की भरपूर प्रैक्टिस करे। फिर अपने उत्तर को टीचर से चेक भी करवाए। इससे सवाल के जवाब देने में कहां कमी रह रही है, उसका पता चलेगा और आप आसानी से सुधार कर सकेंगे। बोर्ड परीक्षा में अक्सर सवालों के जवाब स्टेप बाई स्टेप देने होते हैं। शिक्षक आपको भली—भांति बता सकता है कि एक उत्तर के विभिन्न चरण कौन—कौन से होंगे। ऐसा करने से निश्चित रूप से आपको परीक्षा में हाई स्कोरिंग करने से कोई रोक नहीं सकता।
जागरूक अध्ययन :
अधिक पढ़ने से ही जरूरी नहीं कि आपको ज्यादा अंक मिल जाएंगे। परीक्षा में बेहतर सफलता तभी मिलती है, जब जागरूकता के साथ अध्ययन किया जाए। इसके लिए पिछले वर्षों के प्रश्न—पत्रों के प्रारूप की मदद ली जा सकती है। दरअसल, पाठ्य पुस्तक(टेक्सट बुक)में बहुत सी बातें जानकारी के लिए दी जाती हैं उसका परीक्षा से उतना वास्ता नहीं होता। एक जागरूक विघार्थी को इसकी पहचान होनी चाहिए तथा परीक्षा की तैयारी के मद्देनजर इस पर अमल करना जरूरी है। फलतः आपको विषय—वस्तु को एक तथ्यपरक संकलन के रूप में विकसित करना चाहिए तथा परीक्षा के समय उसी पर केंद्रित करना चाहिए। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो परीक्षा की तैयारी के अंतिम दिनों में आप क्या पढ़ें और क्या नहीं पढ़ें की ऊहापोह की स्थिति में ही पड़े रहेंगे और बेवजह बेहद तनाव में भी आ जाएंगे।
रिविज़न करें :
एक बार पढ़े हुए टॉपिक को बार बार दौहराएँ वरना आप उन्हें भूल जायेंगे और आपकी पूरी मेहनत ख़राब हो जाएगी | एक इम्पोर्टेन्ट बात आपको बतादें को जब आप कुछ पढ़ते है तो उसका मेमोरी डीएनए पूरी तरह स्टेबल नही होता है और आपके दुबारह न दोहराने के कारण वो ख़तम होजाता है | मेमोरी डीएनए को स्टेबल बनाने के लिए ये बहुत ज़रूरी है की हम चीजों को बार बार दोहराएँ ताकि हमारो याददाश्त पक्की होजाए
पैटर्न का प्रयोग करें :
नोट्स बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात ये है की आप उसे रेगुलर किताबों में लिखी चीजों की तरह न लिखे और न ही उनका विस्तारपूर्ण तरीका इस्तेमाल करें बल्कि खुद का एक तरीका अपनाएं जिस से आपको याद रखने में आसानी हो जैसे आप किसी भी हिंदी या ऐसे विषय जिनमे विस्तार पूर्ण लिखा गया हो , उनके लिए किसी एक बिंदु को सेण्टर में रखकर उस से जुड़े हुए कुछ महत्वपूर्ण facts की एक श्रेणी तैयार करें जिस से आप उस टॉपिक से रिलेटेड जितने भी महत्वपूर्ण बिंदु है उनको दिमाग में आसानी से रिविजन के दौरान बिठा पायें और छोटे छोटे चार्ट केमिस्ट्री और बायोलॉजी के स्टूडेंट की तरह विषयों को समझने की कला खुद में विकसित करें |
निष्कर्ष : ऊपर दिए गये सुझावों को अगर आप अपने दिनचर्या में शामिल कर पढ़ना शुरू करें तो निश्चित ही बिना किसी दुविधा आसानी से आप एग्जाम की तैयारी कर सकते हैं | क्युकि पढ़ाई हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा हैं, और अगर हमें पढ़ना हैं, तो एग्जाम तो देने ही पढ़ेंगे इसलिए परीक्षाओं से डरे नही बल्कि पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी परीक्षा की तैयारी करें। हल्का तनाव या दबाव होना स्वाभाविक हैं,लेकिन ज्यादा घबराहट परेशानी का कारण बन सकती हैं । यह आपके चारों ओर एक नकारात्मक घेरा बना देती हैं जिसका बुरा असर आपके पढाई पर पड़ता हैं। इसलिए तनाव को हटा कर अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें । अपना पढ़ने का समय निश्चित कर लें और कम से कम आधा घंटा अपने विषय को दें और अच्छे से अपनी विषय की रिवीज़न करें और अच्छे अंकों के साथ अपनी परीक्षा को पास करें |
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