IAS Success Story: सिविल सेवा देश की प्रतिष्ठित सेवाओं में शुमार है। यही वजह है कि इस परीक्षा को पास करना भी आसान नहीं है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में प्रशासनिक अधिकारी बनने के लिए युवा दिन-रात तैयारी करते हैं, महंगी-महंगी कोचिंग में दाखिला लेते हैं, घर-परिवार को छोड़कर तैयारी करते हैं, असफलताओं से टूटते हैं और बिखरते हैं, हालांकि इसके बाद भी सिर्फ उस दिन के बारे में सोचते हैं, जब फाइनल लिस्ट में अपना नाम देख रहे होते हैं। यही वजह है कि मंजिल को पाने के लिए युवा कई सालों तक का सफर पूरा करते हैं। वहीं, यदि फुल टाइम जॉब के साथ इस परीक्षा की तैयारी करनी हो, तो तब यह उनके लिए और मुश्किल हो जाता है। हालांकि, यह मुश्किल है, नामुमकिन नहीं। इसकी मिसाल पेश की है सुमित राय ने, जिन्होंने एक निजी कंपनी में काम करते हुए देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवा की तैयारी की। वह इस सफर में चार बार फेल हुए, लेकिन हार नहीं मानी और पांचवे प्रयास में वह IAS बनने में सफल रहे।
12वीं के बाद IIT में लिया दाखिला
सुमित कुमार राय ने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद इंजीनियरिंग की तैयारी की और इसके बाद IIT धनबाद में दाखिला लेकर पेट्रोलियम इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। साल 2008 से 2013 तक उन्होंने स्नातक की पढ़ाई की थी।
निजी कंपनी में लगी नौकरी
पढ़ाई पूरी होने के बाद सुमित की एक बड़ी और निजी कंपनी में पेट्रोलियम इंजीनियर के तौर पर नौकरी लग गई थी। यहां उन्होंने नौकरी शुरू की, लेकिन उनके मन में प्रशासनिक सेवाओं में आकर देश की सेवा करने का इच्छा थी। हालांकि, वह नौकरी भी नहीं छोड़ सकते थे।
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नौकरी के साथ शुरू की तैयारी
सुमित ने नौकरी छोड़ने के बजाय अपनी फुल टाइम जॉब के साथ तैयारी शुरू कर दी थी। वह नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई किया करते थे। उन्हें जितना भी समय मिलता था, वह उस समय पढ़ाई किया करते थे।
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चार बार देखी असफलता
सुमित ने नौकरी के साथ-साथ सिविल सेवा परीक्षा का अटैम्प्ट किया। इस दौरान उन्होंने चार बार असफलता का मुंह देखा। इसके बाद भी उन्होंने नौकरी नहीं छोड़ी और नौकरी के साथ ही अगला अटैम्प्ट देना का निर्णय लिया।
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पांचवे प्रयास में हासिल की 54 रैंक
सुमित ने पांचवे प्रयास के लिए तैयारी की इस बार उन्होंने सिविल सेवा के तीन चरणों में आगे बढ़ते हुए 54 रैंक हासिल की, जिसके बाद उन्हें पश्चिम बंगाल कैडर में आईएएस का पद मिला। वर्तमान में सुमित सब-डिविजनल ऑफिसर के पद कार्यरत हैं।
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इस तरह की तैयारी
सुमित सुबह ऑफिस जाने से पहले दो से तीन घंटे पढ़ाई किया करते थे। इसके साथ ही रास्ते में सफर करते हुए अखबार या अन्य चीजें पढ़ा करते थे। वहीं, वह फुल टाइम नौकरी करने के बाद घर आकर भी दो घंटे तक पढ़ाई किया करते थे, जिससे उन्हें चार से पांच घंटे पढ़ने के लिए मिल जाते थे।
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