Success Story: बचपन में चली गई थी आंखों की रोशनी, सत्येंद्र सिंह ने 714 रैंक के साथ क्रैक किया UPSC

Success Story: UPSC सिविल सेवा परीक्षा को पास करना मुश्किल है। वहीं, यदि आप किसी परेशानी से गुजर रहे हैं, तो यह आपको लिए और भी मुश्किल हो जाता है। आज हम आपको उत्तर प्रदेश के रहने वाले सत्येंद्र सिंह की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने  आंखों की रोशनी खोने के बाद भी हार नहीं मानी और सिविल सेवा परीक्षा को 714 रैंक के साथ पास किया। 

Apr 29, 2023, 12:31 IST
सत्येंद्र सिंह यूपीएससी
सत्येंद्र सिंह यूपीएससी

Success Story: देश में जब भी प्रतिष्ठित नौकरी की बात होती है, तो सिविल सेवाओं का जिक्र होता है। हालांकि, यहां तक पहुंचना आसान नहीं होता है। देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवाओं को पास करने के लिए अधिक मेहनत की आवश्यकता होती है। वहीं, यदि आप किसी परेशानी से जूझ रहे हैं, तो यह आपके लिए और मुश्किल हो जाता है। आज हम आपको उत्तर प्रदेश के रहने वाले सत्येंद्र सिंह की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने बचपन में अपनी आंखों की रोशनी खो दी थी। इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और दिल्ली के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफंस कॉलेज से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय(JNU) से मास्टर्स किया। कुछ समय तक डीयू में पढ़ाया और बाद में सिविल सेवाओं में सफलता हासिल की। 



सत्येंद्र सिंह का परिचय

सत्येंद्र सिंह उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा उत्तर प्रदेश से पूरी की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित कॉलेज सेंट स्टीफंस कॉलेज से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद मास्टर्स के लिए जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय(JNU) में दाखिला लिया और अपनी पढ़ाई पूरी की। 

 

बचपन में चली गई थी आंखों की रोशनी

 

सत्येंद्र सिंह ने एक कोचिंग संस्थान को दिए इंटरव्यू में बताया कि जब वह डेढ़ साल के थे, तब उन्हें निमोनिया हो गया था। ऐसे में परिवार इलाज के लिए डॉक्टर के पास ले गया। डॉक्टर के गलत इंजेक्शन के कारण उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और जीवन में पीछे हटने के बजाय हिम्मत का परिचय देते हुए आगे बढ़ने का निर्णय लिया। 

 

डीयू में बने असिस्टेंट प्रोफेसर 

सत्येंद्र सिंह ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय(JNU) से मास्टर्स की पढ़ाई पूरी कर ली थी। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय(DU) के अरबिंदो कॉलेज में बच्चों को पढ़ाना शुरू किया।

 

पढ़ाने के साथ-साथ शुरू की तैयारी

सत्येंद्र सिंह ने सिविल सेवाओं में जाने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने पढ़ाने के साथ-साथ खुद की भी पढ़ाई शुरू कर दी थी। वह कॉलेज में पढ़ाने के बाद घर आकर सिविल सेवा के लिए तैयारी किया करते थे। 

 

साल 2018 में 714 रैंक के साथ पाई सफलता 

सत्येंद्र सिंह ने साल 2018 में सिविल सेवा परीक्षा दी और प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू पास करते हुए उन्होंने 714 रैंक प्राप्त की। वह इसके बाद भी नहीं रूके और पढ़ते रहे। साल 2021 में उन्होंने फिर से सिविल सेवा परीक्षा दी और इस बार अपनी रैंक में सुधार करते हुए वह सिविल सेवा परीक्षा को पास करने में सफल रहे। 

 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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