यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में रातू के काठीटांड़ में रहनेवाले नीतीश कुमार सिंह को 23वां स्थान मिला है। जिस समय परीक्षा का परिणाम आया उस समय वे दिल्ली में थे। उनकी सफलता से उनके परिवार में हर्ष का माहौल है। इनके पिता प्रयाग सिंह रिटायर पर्सन हैं जबकि मां इंद्रा देवी गृहणी हैं। नीतीश मूल रूप से पलामू के हैं, हालांकि इनका पूरा परिवार रांची के काठीटांड़ में रहता है।
नीतीश की प्रारंभिक शिक्षा भवनाथपुर के डीएवी स्कूल में शुरू हुई और दसवीं कक्षा में 97% अंक प्राप्त किए तथा बारहवीं कक्षा की पढ़ाई डीपीएस से करते हुए 90% अंक प्राप्त किए। इसके बाद ईंडियन स्कूल ऑफ माइनिंग (आइएसएम) धनबाद से 2013 स्नातक की। बकौल नीतीश, उन्होंने बारहवीं पास करने के बाद ही सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी थी।
शुरू में दिल्ली में रहकर इन्होंने कोचिंग भी की। बाद में सेल्फ स्टडी पर अधिक जोर दिया। नीतीश सेल्फ स्टडी को ही अपनी सफलता का राज बताते हैं। सिविल सेवा परीक्षा में इनका वैकल्पिक विषय इतिहास था। इन्हें तीसरे प्रयास में सफलता मिली। 2014 में पहले प्रयास में साक्षात्कार तथा दूसरे में मुख्य परीक्षा तक ही पहुँच पाए थे।
नितीश ने साक्षात्कार के दौरान पूछे गए अहम सवालों के बारे कहा कि सकारात्मक तरीके से हर सवालों का जवाब देना मेरे लिए काफी लाभदायक रहा। इंटरव्यू- बोर्ड ने एक सवाल किया था कि एस्ट्रोलॉजी अच्छा है या बुरा। मेरा जवाब था, यह परिस्थितियों पर निर्भर करता है। अगर आप परेशान हैं और एस्ट्रोलॉजर की सलाह से आपको फायदा पहुंचता है, तो आपके लिए एस्ट्रोलॉजी अच्छा है।
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इसके अलावा एक प्रश्न था कि जातिवाद को आप कैसे देखते हैं? मैंने जवाब दिया कि भविष्य में वैसे लोग जो आर्थिक रूप से सुदृढ़ होंगे, वे जातिवाद को भूलते चले जाएंगे। लेकिन वैसे लोग जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर रहेगी, वे जातिवाद को कैरी फारवर्ड करते रहेंगे। नितीश देश के लोगों की सेवा करना चाहते हैं और समाज की भलाई के लिए प्रयास करना और अपना योगदान देना चाहते हैं।
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