IPS Success Story: देश में विभिन्न सरकारी सेवा हैं, लेकिन सिविल सेवा के माध्यम से मिलने वाली सेवा सबसे प्रतिष्ठित सेवाओं में शुमार है। यही वजह है कि इसे पाने के लिए हर साल लाखों युवा सिविल सेवा की परीक्षा देते हैं, लेकिन इसमें से सिर्फ कुछ ही युवाओं को सफलता मिलती है। क्योंकि, इस परीक्षा में सफल होने की संभावना बहुत कम होती है। लेकिन, इसके बावजूद हर साल युवा इस परीक्षा की तैयारी करते हैं और सपनों को सच करने के लिए प्रयास करने में लगे रहते हैं। आज हम आपको आकाश कुल्हारी की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्हें कम अंक आने पर कक्षा 10वीं के बाद स्कूल से निकाल दिया गया था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और सरकारी स्कूल से पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा को लेकर पहला प्रयास किया और पहली बार में ही आईपीएस अधिकारी बन गए।
आकाश का परिचय
आकाश मूलरूप से राजस्थान के रहने वाले हैं। उन्होंने बीकानेर से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की थी। उन्होंने बीकानेर के दुग्गल कॉलेज से ही बीकॉम किया और इसके बाद जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से एमकॉम की पढ़ाई पूरी की।
कम अंक आने पर स्कूल ने निकाला
आकाश के 10वीं कक्षा में सिर्फ 57 फीसदी अंक थे। ऐसे में रिजल्ट आने पर उन्होंने उनके स्कूल की ओर से निकाल दिया गया था। स्कूल ने उन्हें अगली कक्षा में प्रवेश देने के लिए तैयार नहीं था।
सरकारी स्कूल से पढ़ाई कर पूरी की स्कूली शिक्षा
स्कूल से निकलने पर उनके पिता ने उनका दाखिला केंद्रीय विद्यालय में कराया। यहां उन्होंने पूरी मेहनत के साथ पढ़ाई की और कक्षा 12वीं में 85 फीसदी अंक हासिल किए।
जेएनयू में पढ़ते हुए की तैयारी
आकाश ने एमकॉम की पढ़ाई पूरी करने के साथ ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने एक साक्षात्कार में बताया कि वह एमबीए भी कर सकते थे, जिसके बाद कार्पोरेट में नौकरी शुरू कर सकते थे। हालांकि, उनकी मां उन्हें सरकारी सेवाओं में देश की सेवा करते हुए देखना चाहती थी। ऐसे में उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी करने का निर्णय लिया।
2005 में एमफिल में लिया दाखिला
आकाश ने साल 2005 में यूपीएससी की तैयारी करते हुए एमफिल में भी दाखिला ले लिया था। इसके साथ ही वह अपनी तैयारी को भी धार दे रहे थे, जिससे मां क सपना पूरा किया जा सके।
2006 में बने आईपीएस
आकाश ने साल 2006 में अपना पहला प्रयास किया और वह अपने पहले प्रयास में ही सिविल सेवा को क्रैक कर आईपीएस अधिकारी बनने में सफल रहे। उनके भाई भी सरकारी सेवाओं में रहकर देश की सेवा कर रहे हैं।