MP Board Best of Five Yojna: मध्य प्रदेश में बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की गई है। अब हाईस्कूल (कक्षा 10वीं) के छात्रों को छह प्रश्नपत्रों में से किसी एक में असफल होने पर भी पास माना जाएगा। मध्य प्रदेश बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (MPBSE) ने एक बार फिर 'बेस्ट ऑफ फाइव' योजना को लागू कर दिया है। यह निर्णय छात्रों के मानसिक तनाव को कम करने और कमजोर विषयों में प्रदर्शन सुधारने के उद्देश्य से लिया गया है।
क्या है 'बेस्ट ऑफ फाइव' योजना?
'बेस्ट ऑफ फाइव' योजना एमपी बोर्ड द्वारा 10वीं के छात्रों के लिए लागू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है। योजना के तहत, यदि छात्र पांच विषयों में उत्तीर्ण होते हैं, तो उन्हें पास घोषित किया जाएगा, भले ही छठे विषय में उनके अंक कम हों।
इस योजना का उद्देश्य छात्रों को परीक्षा के डर और मानसिक दबाव से राहत देना है। यदि कोई छात्र किसी एक विषय में असफल रहता है या कमजोर अंक प्राप्त करता है, तो वह अन्य पांच विषयों में बेहतर प्रदर्शन करके पास हो सकता है।
न्यूनतम अंक (Minimum Marks) का नियम
बेस्ट ऑफ फाइव योजना के तहत, छात्रों को पास होने के लिए हर विषय में कम से कम 33% अंक हासिल करना अनिवार्य है। यदि कोई छात्र किसी एक विषय में असफल होता है, तो भी उसे पास माना जाएगा, बशर्ते कि उसने बाकी पांच विषयों में न्यूनतम अंकों के साथ अच्छा प्रदर्शन किया हो।
छात्रों को मिलेगी राहत
इस नई योजना से उन छात्रों को खासतौर पर राहत मिलेगी, जो किसी एक विषय में कमजोर हैं। यह कदम छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ाने और परीक्षा के डर को कम करने में मददगार साबित होगा।
बेस्ट ऑफ फाइव योजना का उद्देश्य
- छात्रों के मानसिक तनाव को कम करना: कमजोर विषयों में असफल होने का डर कम होगा।
- शिक्षा प्रक्रिया को सरल बनाना: परीक्षा का माहौल छात्रों के लिए अधिक सकारात्मक और प्रेरणादायक होगा।
- छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ाना: इस योजना से छात्रों को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
यह पहल न केवल छात्रों के लिए सकारात्मक साबित होगी बल्कि शिक्षा प्रणाली को अधिक समावेशी और प्रेरणादायक बनाएगी।
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