रोहित शर्मा ने हाल ही में जो करिश्मा कर दिखाया वो काबिले-तारीफ़ है। उन्होंने एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच में तीसरा दोहरा शतक लगाया है जो की एक रिकॉर्ड है। उन्होंने अपने पहले 100 रन 115 गंदो में पूरे किये और अगले 100 रन सिर्फ 36 गेंदों में पूरे किये । इसका कारण ये है की पहले 100 रन बनाने में उन्होंने बहुत से काम किये जैसे पिच के व्यवहार का सही अनुमान लगाना, बॉलर की प्रवृत्ति जानना इत्यादि। अपने इंटरव्यू में उन्होंने इसका ज़िक्र भी किया है। जो अभ्यर्थी IAS परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए ये पारी एक प्रेरणा स्रोत की तरह कार्य कर सकती है । टीवी पर उनकी पत्नी जिस तरह से भाव विभोर हो रहीं थी वो भी उनकी इस ऐतिहासिक पारी का एक छोटा सा कारक था । 100 रन पूरे करने पर उन्होंने इसका परिचय भी दिया था ।
IAS परीक्षा की तैयारी और रोहित शर्मा की पारी
IAS अभ्यर्थियों के लिए इससे सीखने के लिए बहुत कुछ है । जैसे की उन्होंने पहले 100 रन पूरे करने में 115 गेंदे खेली इसका मतलब यह है की उन्होंने अपनी पारी की नींव रखने के लिए पूरा समय लिया। IAS की तैयारी भी इसी तरह की नींव मांगती है। IAS की बेसिक किताबें पढ़ने में सबसे ज्यादा समय लगाना चाहिए और अच्छी तरह से उन्हें समझ लेना चाहिए। साथ ही, हो सके तो उनके नोट्स बना लेने चाहिए ताकि revision के समय आसानी हो । NCERT तथा हर विषय की बेसिक किताबों से शुरुआत करनी चाहिए। उसके बाद ही आगे की तैयारी पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिये।
रोहित शर्मा ने अपने इंटरव्यू में कहा की उन्होंने पिच के स्वभाव को समझने में काफी वक़्त लगाया। IAS उम्मीदवारों को भी IAS की परीक्षा की प्रवृत्ति भी अच्छी तरह समझनी चाहिए । इससे उनमे आत्मविश्वास आएगा और वह IAS परीक्षा का अच्छी तरह से सामना कर पायेंगे।
रोहित शर्मा ने यह भी बताया की वो श्रीलंकाई गेंदबाजों को अच्छी तरह पढ़ने तथा उनकी गेंदों का पूर्वानुमान लगाने लगे थे । IAS परीक्षा में भी हर विषय के प्रश्नों को समझने की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है साथ ही ज्यादा से ज्यादा मॉडल टेस्ट पेपर हल करने से IAS के प्रश्नों का पूर्वानुमान भी लगाया जा सकता है। ये अलग बात है की सारे प्रश्नों का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता पर यह भी सत्य है की IAS परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण टॉपिक्स का अंदाजा लगाया जा सकता है।
जिस तरह रोहित शर्मा की पत्नी भाव विभोर हो रहीं थी वो भी प्रेरणा दायक है। IAS परीक्षार्थियों के परिवार-जन भी बहुत-सी उम्मीदों के साथ अपने बच्चों को IAS की परीक्षा के लिए भेजते हैं, जबकि सिलेक्शन का प्रतिशत इतना कम होता है, यह जानते हुए भी अपने बच्चों का प्रोत्साहन करते है तथा उनके दृष्टिकोण की सराहना भी करते हैं । इससे उमीदवारों को IAS की परीक्षा में और ज्यादा मेहनत करने की प्रेरणा मिलती है।
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सतत मेहनत
पर जो आज दिख रह है वो सिर्फ 1 साल या 2 साल की तैयारी का परिणाम नहीं है। रोहित के करियर की शुरुआत बहुत धीमे हुई थी । वह पहली बार सुर्ख़ियों में 2006 में अंडर 19 वर्ल्ड-कप के दौरान अच्छा खेल प्रदर्शित करने की वजह से आये थे । 100 एक दिवसीय मैच खेलने के बाद ही उन्हें टेस्ट में खेलने का मौका दिया गया था । लेकिन उन्होंने कड़ी मेहनत करना कभी नही छोड़ा इसी का परिणाम है उनका शानदार प्रदर्शन। इससे IAS अभ्यर्थी ये सीख सकते हैं कि IAS Prelims तथा IAS Mains परीक्षा, आपकी मेहनत का ही परीक्षण करती है। मेहनत और सही दिशा में मेहनत ही IAS परीक्षा में सफलता सुनिश्चित कर सकती है।
सतत मेहनत न होने की वजह से उन्हें 2011 विश्व कप में भारतीय टीम में जगह नहीं मिल थी। इससे हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं की सतत मेहनत करते रहना चाहिए चाहे परिणाम कुछ भी हो। चाहे कितनी बार भी IAS Prelims में सफलता न मिले, IAS परीक्षार्थियों को महनत करते रहना चाहिए लेकिन साथ में अपनी मेहनत की दिशा के लिए परामर्श भी करते रहना चाहिए ।
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स्ट्राइक रेट
अंत में हम बात करेंगे स्ट्राइक रेट की । 100 रन के बाद रोहित शर्मा का स्ट्राइक रेट 300 से ज्यादा का था। इसका तात्पर्य यह है की जब IAS परीक्षार्थी अपनी बेसिक तैयारी अच्छी तरह से कर लेते हैं तब उन्हें न्यूज़ में छाये हुए मुद्दों को समझने में ज्यादा वक़्त नहीं लगता अर्थात वो कम समय में ज्यादा पढ़ सकते हैं तथा इंटरव्यू की तैयारी भी अच्छी तरह कम समय में कर सकते हैं । समय के साथ और सही दिशा में मेहनत करने से IAS परीक्षा में सफलता प्राप्त की जा सकती है ।
रन | बॉल | स्ट्राइक रेट |
50 | 65 | 76 |
100 | 115 | 86 |
150 | 133 | 112 |
200 | 151 | 132 |
208 | 153 | 135 |
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