Success Story: UPSC सिविल सेवा देश की सबसे बड़ी और मुश्किल परीक्षाओं में शामिल है। इस परीक्षा में हर साल लाखों युवा आवेदन करते हैं, हालांकि सफलता केवल उन्हीं को मिलती है, जो गंभीरता से इसकी तैयारी करते हैं।
बीते कई वर्षों में हमारे सामने कई ऐसे युवाओं की कहानी आई, जिन्होंने सरकारी स्कूल से पढ़कर अभावों में अपनी पढ़ाई पूरी की और अंत में यूपीएससी सिविल सेवा को क्रैक कर अधिकारी बन गए। हाल ही में यूपीएससी सिविल सेवा ने परिणाम जारी कर दिया है, जिसमें युवाओं की सफलता की कई कहानियां सामने आ रही हैं।
इन्हीं कहानियों में शामिल है आयुष गोयल की कहानी, जिन्होंने सरकारी स्कूल में पढ़कर अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और इसके बाद सरकारी कॉलेज से डिग्री हासिल की।
अंत में उन्होंने लाखों रुपये के पैकेज को छोड़कर सिविल सेवाओं की तैयारी की और अपने पहले प्रयास में ही वह इस परीक्षा में 171वीं रैंक के साथ सफल हो गए।
आयुष का परिचय
आयुष गोयल ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली के एक सरकारी स्कूल राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय से पूरी की। यहां से पढ़ने के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से बीए इकोनॉमिक्स ऑनर्स में अपनी डिग्री हासिल की।
इसके बाद उन्होंने IIM से एमबीए किया। आयुष के पिता एक किराना स्टोर चलाते हैं, जबकि माता एक गृहणी हैं।
पढ़ाई के बाद लगी 28 लाख रुपये की नौकरी
पढ़ाई पूरी होने के बाद आयुष की 28 लाख रुपये की नौकरी लग गई थी, लेकिन कुछ समय तक नौकरी करने पर उनका मन नहीं लगा।
ऐसे में उन्होंने सिविल सेवाओं की तैयारी करने का निर्णय लिया।
नौकरी छोड़ शुरू की तैयारी
आयुष ने सिविल सेवाओं के लिए अपनी नौकरी छोड़कर तैयारी शुरू कर दी थी। इसके लिए उन्होंने दिन-रात पढ़ना शुरू किया। उन्होंने अपने पढ़ाई के लिए टाइम टेबल बना लिया था।
पहले प्रयास में हासिल की 171वीं रैंक
सिविल सेवाओं की तैयारी के बाद उन्होंने अपना पहला प्रयास किया और अपने पहले प्रयास में ही वह प्रीलिम्स को पास करते हुए मेंस में पहुंचे और अंत में इंटरव्यू में पहुंचे।
सिविल सेवाओं का परिणाम जारी हुआ, तो उन्होंने 171वीं रैंक के साथ देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक कर लिया था।
साझा किए इंटरव्यू के सवाल
आयुष ने एक मीडिया संस्थान को अपने इंटरव्यू के सवालों को भी साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा कि उनका इंटरव्यू प्रीति सूदन के बोर्ड में हुआ था। इंटरव्यू में उनसे पूछा गया था कि वह एमबीए के बाद यहां क्यों आए और सिविल सेवा में एमबीए क्या काम आएगी।
इस पर उन्होंने बोर्ड को जवाब दिया था कि उन्होंने एमबीए में टीम मैनेजमेंट और लीडरशीप जैसी स्किल सीखी है, जिसका वह सिविल सेवाओं में उपयोग कर सकेंगे।
इसके अलावा उनकी बॉयोग्राफिज पढ़ने की हॉबी और स्टॉक मार्केट में सर्किट ब्रेकर व अमेरिका-चीन ट्रेड वार को लेकर भी सवाल पूछे गए थे।
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