Success Story: तीन बार हुए फेल, बिना कोचिंग के चौथे प्रयास में वीरेंद्र ने क्रैक की UPSC सिविल सेवा

Success Story: संघ लोक सेवा आयोग( UPSC) सिविल सेवा देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवाओं में शुमार है। यही वजह है कि हर साल इस परीक्षा के लिए लाखों आवेदन आते हैं और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में अधिकारी बनने के लिए युवा अपने ज्ञान से एक-दूसरे को प्रतियोगिता में पीछे छोड़ने की कोशिश करते हैं। इस कोशिश में सफलता उसी को मिलती है, जो अंत तक लगा रहता है। इन्हीं में शामिल हैं राजस्थान के रहने वाले वीरेंद्र मीणा, जिन्होंने चौथे प्रयास में सिविल सेवाओं को क्रैक किया है। इस लेख के माध्यम से हम वीरेंद्र की कहानी के बारे में जानेंगे। 

Jun 12, 2023, 12:50 IST
यूपीएससी वीरेंद्र मीणा
यूपीएससी वीरेंद्र मीणा

Success Story: देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवाओं में शुमार है सिविल सेवा, जिसके के लिए हर साल प्रतियोगिता बढ़ती जा रही है। संघ लोक सेवा आयोग(UPSC) की ओर से आयोजित होने वाली सिविल सेवाओं में हर साल लाखों युवा प्रयास करते हैं, लेकिन सफलता केवल उन्हीं को मिलती है, जो आखिर तक इस पीरक्षा के लिए कोशिश करता रहता है।

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क्योंकि, इस परीक्षा में ज्ञान के साथ-साथ आपके धैर्य और दृढ़ता की भी परीक्षा होती है। यही वजह है कि इस परीक्षा को देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में गिना जाता है। सिविल सेवाओं के परिणाम जारी होने के साथ हर साल हमारे सामने सैकड़ों कहानियां आती हैं, जो युवाओं द्वारा उनके संघर्ष को बयां करती हैं।

इन्हीं कहानियों में से एक है राजस्थान के रहने वाले वीरेंद्र मीणा की कहानी, जिन्होंने सिविल सेवाओं में तीन बार असफलता का मुंह देखने के बाद चौथे प्रयास में सफलता हासिल की है। 

 

वीरेंद्र मीणा का परिचय 

वीरेंद्र मीणा मूलरूप से राजस्थान के कोटा के रहने वाले हैं। आपको बता दें कि राजस्थान का कोटा शहर शिक्षा की काशी भी कहा जाता है, जहां हर साल बड़ी संख्या में युवा अपना घर-परिवार छोड़कर इंजीनियरिंग और मेडिकल परीक्षाओं की तैयारी करते हैं।

वीरेंद्र अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद IIT से इंजीनियरिंग करने चाहते थे, लेकिन 12वीं में कम अंकों की वजह से उन्हें वहां दाखिला नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने राज्य के विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग में पढ़ाई की। 

 

इंजीनियरिंग के बाद शुरू की तैयारी 

वीरेंद्र ने साल 2019 में अपनी बीटेक की डिग्री पूरी कर ली थी, लेकिन पढ़ाई पूरी होने के बाद नौकरी को लेकर कोई रास्ता नहीं बना। ऐसे में उन्होंने सिविल सेवाओं में जाने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने घर में ही रहकर तैयारी शुरू कर दी। 

 

तीन प्रयासों में हो गए थे फेल 

वीरेंद्र बिना किसी कोचिंग के घर में ही पढ़ते रहे और अपना पहला प्रयास किया। हालांकि, वह अपने पहले प्रयास में फेल हो गए। इस असफलता से उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरे प्रयास के लिए मेहनत शुरू कर दी।

बिना कोचिंग के पढ़कर उन्होंने दूसरा प्रयास किया और इस बार भी फेल हो गए, हालांकि बार-बार फेल होने के बाद भी उन्होंने कोचिंग में दाखिला नहीं लिया, बल्कि तीसरा प्रयास किया। इस प्रयास में भी वह सफलता के शिखर पर नहीं पहुंच सके। 

 

चौथे प्रयास में हासिल की 883वीं रैंक 

वीरेंद्र ने बिना कोचिंग का अपना सफर जारी रखा और पढ़ते रहे। उन्होंने अपना चौथा प्रयास किया और इस बार उन्होंने प्रीलिम्स को पास करते हुए मेंस में जगह बनाई। इसके बाद मेंस को पास करते हुए वह इंटरव्यू में पहुंचे।

वहीं, जब सिविल सेवा का परिणाम जारी हुआ, तो वीरेंद्र ने 883वीं रैंक के साथ इस परीक्षा को पास कर लिया था। वीरेंद्र ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा कि वह अपनी तैयारी को कम नहीं होने देंगे, बल्कि रैंक सुधारने के लिए फिर से प्रयास करेंगे। 

 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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