उत्तर प्रदेश असिस्टेंट टीचर भर्ती परीक्षा 2018 में एक के बाद एक अडचनों के आने का सिलसिला रुकने का नाम नही ले रही है. ताजा जानकारी के अनुसार इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने टीचर्स एलिजबिलिटी टेस्ट (TET) 2017 के 14 प्रश्नों में गड़बड़ी के कारण यूपी असिस्टेंट टीचर परीक्षा 2018 को टालने का आदेश दिया है. हाई कोर्ट के ताजा आदेश में यह कहा गया है कि टीचर भर्ती परीक्षा के पहले 14 गलत प्रश्नों के नंबर हटाकर फिर से टीईटी-2017 का परिणाम घोषित किया जाए. इसके लिए कोर्ट ने एक माह का समय दिया है. कोर्ट ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि टीचर्स एलिजबिलिटी टेस्ट के परिणाम में गलत प्रश्नों की वजह से आई त्रुटी का निराकरण करने के बाद ही यूपी असिस्टेंट टीचर भर्ती परीक्षा 2018 का आयोजन किया जाए.
इसके साथ कोर्ट ने यह भी कहा है कि 15 अक्टूबर-2017 को आयोजित की गयी TET परीक्षा में नैशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) के नियमों का भी पूरी तरह पालन नहीं किया गया. कोर्ट की जानकारी में टीईटी में 8 प्रश्न गलत थे. संस्कृत भाषा के दो प्रश्नों के विकल्प गलत थे. चार प्रश्न पाठ्यक्रम के बाहर से थे व लैंग्वेज के पेपर में उचित नंबर के प्रश्न नहीं पूछे गये थे.
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व TET-2017 के परिणाम को चैलेंज करते हुए उम्मीदवारों ने कोर्ट में याचिका दायर की थी. मंगलवार को जस्टिस राजेश सिंह चैहान की बेंच ने टीईटी-2017 को चुनौती देने वाली 300 से अधिक रिट याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए यह आदेश पारित किया है. याचिका में इस बात का उल्लेख किया गया था कि परीक्षा एनसीटीई के दिशा-निर्देशों के तहत नहीं करवाई गई एवं गलत प्रश्नों, सिलेबस के बाहर के प्रश्न पूछे जाने के आधार पर TET परीक्षा को रद्द करने की मांग की थी.
सरकार ने इस याचिका में उल्लेख किये गये मामलों में अपना तर्क रखते हुए कहा था कि TET में असफल घोषित अभ्यर्थियों को परीक्षा परिणाम को चुनौती देने का अधिकार नहीं है. इसके साथ अपना पक्ष रखते हुए सरकार ने एनसीटीई के दिशा-निर्देश को बाध्यकारी नही बताया था.
परन्तु कोर्ट ने सरकार पक्ष के दलीलों को सुनने के बाद याचिकाकर्ताओं के पक्ष में अब यह बड़ा फैसला दिया है. अब देखना ये है कि सरकार कोर्ट के ताजा आदेश पर किस तेजी से इस कार्य को आगे बढाती है. फिलहाल तो उत्तर प्रदेश असिस्टेंट टीचर भर्ती परीक्षा तो टलते हुए ही दिख रही है.
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