In this article we are providing UP Board class 10th mathematics notes on chapter 8; circle. This notes will help you to understand the complete chapter in a very easier way and the notes are based on chapter 8 (circle) of class 10th maths subject. Read this article to get the notes, here we are providing each and every notes in a very simple and systematic way.
11. वृत्तों को सर्वांगसमता (Congruence of Circles) : दो वृत्त सर्वांगसम होते हैं यदि केवल वे समान त्रिज्या वाले हों। आकृति में मान लीजिए C(O, r) ओर C(O’, s) दो वृत्त है। कल्पना कीजिए कि वृत्त C(O, r) पर वृत्त C(O’, s) इस तरह अध्यारोपित किया गया है कि O और O’ सम्पाती हैं। तब, वृत्त C(O, s), वृत्त C(O, r) को पूरा-पूरा ढक लेगा यदि और केवल यदि r = s हो।
UP Board Class 10 Mathematics Notes On Statistics (Chapter Fifth), Part-II
12. चाप को अंश माप (Degree Measure of an arc): मान लीजिए C(O, r) एक वृत्त है, तो उस कोण को, जिसका शीर्ष O है, वृत्त का केन्द्रीय कोण (Central angle) कहा जाता है।
परिभाषा : वृत्त का लघु चाप वृत्त के उन बिन्दुओं का समुच्चय होता है जो केन्दीय कोण पर अथवा उसके अन्दर स्थित होते है। दूसरे शब्दों में, वृत्त का लघु चाप दो प्रतिच्छेद बिन्दुओं सहित एक केन्द्रीय कोण द्वारा अन्त: खण्डित वृत्त का एक भाग होता है। वृत्त का वृहत् चाप वृत्त के उन बिन्दुओं का समुच्चय होता है जो केन्दीय कोण पर अथवा उसके बाहर स्थित होते हैं।
चाप को लम्बाई का इस चाप को निर्धारित करने वाले केन्द्रीय कोण के साथ निकट का सम्बन्ध होता है। केन्द्रीय कोण जितना बड़ा होगा लघुचाप उतना ही बड़ा होगा। अत: हम चाप के ‘अंश माप’ की परिभाषा केन्दीय क्रोधा के पदों में लेते है।
परिभाषा : लघु चाप को अंश माप (degree measure) इस चाप को आविष्ट करने वाले केन्द्रीय कोण की माप होती है। अर्द्धवृत्त की अंश माप 1800 होती है और दीर्घ चाप की अंश माप 3600 में से संगत लघु चाप की अंश माप को घटाने पर प्राप्त माप होती है।
UP Board Class 10 Notes For Trigonometry (Chapter Sixth), Part-III
अब हम किसी वृत्त (या सर्वांगसम वृत्तों) के दो चापों की सर्वांगसमता पर चर्चा कर सकते हैं। अंतर्ज्ञान से, किसी वृत्त (अथवा सर्वांगसम वृत्तों) के दो चाप सर्वांगसम होते हैं जबकि इनमें से किसी एक को दूसरे के ऊपर इस तरह अध्यारोपित किया जा सकता हो कि वह उसे ठीक-ठीक ढक ले। यह तभी सम्भव होगा जबकि दो चापों की अंश माप समान हो। अब हम यह परिभाषा दे सकते हैं कि :
किसी वृत्त (अथवा सर्वांगसम वृत्तों) के दो चाप सर्वांगसम होते हैं यदि और केवल यदि वे समान अंश माप के हों।
नोट : त्रिभुज के परिवृत्त तथा अन्त:वृत्त की रचना आप अध्याय नं. 10 (ज्यामितीय रचना) में करेंगे ।
18. त्रिभुज के शीर्षलम्ब तथा लम्ब केन्द्र (Altitudes and Orthocentre of a Triangle) : किसी त्रिभुज के तीनों शीर्ष बिन्दुओं से सम्मुख भुजाओं पर डाले गये लम्ब उस त्रिभुज के शीर्षलम्ब कहलाते हैं । त्रिभुज के तीनों शीर्षलम्ब संगामी होते हैं । इस संगमन बिन्दु को लम्ब केन्द्र कहते हैं, जिसे प्राय: ‘H’ से दर्शाया जाता है । (आकृति देखिए)
19. त्रिथुज को माध्यिकाएँ तथा केन्द्रक (Medians and Centroid of a Triangle) : किसी त्रिभुज के शीर्ष को उसकी सम्मुख भुजा के मध्य बिन्दु को मिलाने वाला रेखाखण्ड, त्रिभुज की एक माध्यिका कहलाती है । एक त्रिभुज की तीन माध्यिकाएँ होती है जोकि एक ही बिन्दु से होकर जाती है इस बिन्दु को त्रिभुज का केन्द्रक (centroid) कहते हैं, जिसे प्राय: ‘G” द्वारा दर्शाया जाता है । (आकृति देखिए)
UP Board Class 10 Mathematics Notes On Statistics (Chapter Fifth), Part-III
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