आज हम यहाँ आपको UP Board कक्षा 10 विज्ञान के 15th अध्याय कार्बन की संयोजकता के पहले पार्ट का स्टडी नोट्स उपलब्ध करा रहें हैं| हम इस चैप्टर नोट्स में जिन टॉपिक्स को कवर कर रहें हैं उसे काफी सरल तरीके से समझाने की कोशिश की गई है और जहाँ भी उदाहरण की आवश्यकता है वहाँ उदहारण के साथ टॉपिक को परिभाषित किया गया है| कार्बन की संयोजकता यूपी बोर्ड कक्षा 10 विज्ञान का एक विशेष अध्याय हैं। इसलिए, छात्रों को इस अध्याय को अच्छी तरह तैयार करना चाहिए। यहां दिए गए नोट्स यूपी बोर्ड की कक्षा 10 वीं विज्ञान बोर्ड की परीक्षा 2018 और आंतरिक परीक्षा में उपस्थित होने वाले छात्रों के लिए बहुत उपयोगी साबित होंगे। इस लेख में हम जिन टॉपिक को कवर कर रहे हैं वह यहाँ अंकित हैं:
1. कार्बन परमाणु की समचतुषफलकीय प्रकृति
2. कार्बनिक रसायन का महत्त्व
3. कार्बन की संयोजकता
4. कार्बनिक यौगिकों का वर्गीकरण
5. विवृत श्रृंखला या ऐलिफैटिक यौगिक
कार्बन परमाणु की चारों संयोजकताओं के बारे में ली बेल (Le Bel) तथा वान्ट हाँफ (Van’t Hoff ) को धारणा का सचित्र वर्णन:
कार्बन परमाणु की समचतुषफलकीय प्रकृति – कार्बन की चारों संयोज़कताएँ एक समतल में समान रूप से 90० के कोण में स्थित नहीं होती अपितु इनका स्थान-प्रबन्ध भिन्न होता हैं।
सर्वप्रथम सन् 1874 ई० में ली बेल (Le Bel) तथा वान्ट हॉफ (Van’t Hoff) ने बताया कि यदि कार्बन परमाणु एक समचतुषफलक (regular tetrahedron) के केन्द्र में स्थित होता है तो कार्बन परमाणु की चारों संयोजकताएँ समचतुषफलक के चारों शीर्षों को केन्द्र से मिलाने वाली चार सरल रेखाओं को प्रर्दशित करती हुई होती हैं| कार्बन की किन्हीं दो संयोजकताओं के मध्य 109o 28’ का कोण होता है| कार्बन की चारों संयोजकताएँ आकाश में वितरित रहती हैं|
इस सिद्धान्त के अनुसार, मेथेन (CH4) में कार्बन तथा हाइड्रोजन के परमाणु की स्थिति उपर्युक्त चित्र में दिखाई गई है।
कार्बनिक रसायन का महत्त्व :
कार्बनिक रसायन द्वारा मानव जीवन अत्यधिक सुखमय एवं सुरक्षित हो गया है। यहीं नहीं, किसी भी राष्ट्र की आर्थिक तथा औद्योगिक स्थिति (उन्नति या अवनति) का कार्बनिक रसायन से अत्यन्त घनिष्ट सम्बन्ध हैं। जन्तु तथा वनस्पति जगत में भी कार्बनिक रसायन का महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि अनेक प्रकार की जैव क्रियाओं का कार्बनिक यौगिकों है सीधा सम्बन्ध होता है।
UP Board कक्षा 10 विज्ञान चेप्टर नोट्स : सल्फर डाइओक्साइड तथा अमोनिया गैस
कार्बन की संयोजकता :
दैनिक जीवन तथा उद्योग में कार्बनिक रसायन का महत्व निम्नलिखित आधारों पर स्पष्ट किया जा सकता है-
1. भोजन (Food) - आटा (स्टार्च), चीनी, प्रोटीन, विटामिन आदि सभी कार्बनिक पदार्थ हैं। प्रकृति द्वारा प्रदत्त ऐसे पदार्थों, की अतिरिक्त आवश्यकता को मानव ने कार्बनिक रसायन की सहायता से प्रयोगशाला में इन्हें संश्लेषित करके पूरा किया है।
2. कपड़ा (Cloth) - सूती, ऊनी, रेशमी आदि कपडों को कार्बनिक रसायन की ही देन कहा जा सकता है। रेयॉन, टेरीलीन, नायलॉन आदि वस्त्रों की उत्पादन विधि कार्बनिक रसायन के ज्ञान द्वारा ही प्राप्त हुई है।
3. औषधि (Medicine) - अधिकांश औषधियों; जैसे – स्ट्रेपटोंमाइसिन, ऐसिपरिन, क्लोरोमाइसिंटीन, यूरोट्रोपीन आदि का संश्लेषण कार्बनिक रसायन की ही देन हैं। इससे जैव-रसायन (biochemistry) का अत्यधिक विकास हुआ है तथा चिकित्सा - विज्ञान के क्षेत्र में अपार सफलता प्राप्त हूई हैं।
4. कृषि (agriculture) - कृषि के विकास में भी कार्बनिक रसायन का पर्याप्त महत्त्व हैं। बीज - संरक्षण में गैंमेक्सीन (C6H6CI6) तथा पौधों की अच्छी उपज के लिए यूरिया आदि उर्वरकों का प्रयोग किया जाता हैं। कीटनाशक औषधियों, जो पौधों व फूलों की रक्षा करती है कार्बनिक यौगिक ही हैं। कच्चे फलों को पकाने तथा सुरक्षित रखने में एथिलीन/ऐसीटीलीन का प्रयोग होता है।
5. युद्ध में (In War) - युद्ध में प्रयोग आने वाले अनेक यौगिक; जैसे - टी०एन०टी०, डायनामाइट, मस्टर्ड गैस, अश्रु गैस (क्लोरोपिक्रिन) ल्यूसाइट आदि कार्बनिक रसायन ही हैं।
6. ईंधन तथा ऊर्जा (Fuel and Energy) - पहले मनुष्य ईधन व ऊर्जा के लिए लकडी तथा कोयले का प्रयोग करता था। अब कार्बनिक रसायन ने हमें अनेक ऐसे ईंधन दिए है जो ऊर्जा प्रदान करते हैं। कुछ कार्बनिक ईंधन है-मिटटी का तेल (किरोसिन) है डीज़ल, पेट्रोल, कुकिंग गैस आदि।
7. सज्जा तथा श्रृंगार (Cosmetics) - क्रीम, पेन्ट, साबुन, तेल, सुगन्धित इत्र, कपूर आदि सज्जा तथा श्रृंगार में प्रयुक्त किए जाते है, जो कार्बनिक रसायन ही होते हैं।
8. रबर एवं प्लास्टिक (Rubber and Plastic) - पाँलिथीन, पाँलिप्रोपिलीन, निओप्रीन, रबर आदि घरेलू सामान बनाने में प्रयुक्त सभी यौगिक कार्बनिक पदार्थ हैं।
9. अन्य (other) - कागज़, वार्निश, फोटोग्राफिक डेवलपर, रेजिन, लकडी का सामान तथा चमडा आदि भी कार्बनिक पदार्थ हैं।
कार्बनिक यौगिकों का वर्गीकरण :
अध्ययन की सुविधा की दृष्टि से सभी ज्ञात कार्बनिक यौगिकों को निम्नलिखित दो मुख्य वर्गों में विभाजित किया गया है-
(1) विवृत श्रृंखला अथवा ऐलिफैटिक यौगिक, (Open chain or Aliphatic compounds),
(2) संवृत श्रृंखला अथवा चक्रीय यौगिक (Closed chain or Cyclic compounds)|
1. विवृत श्रृंखला या ऐलिफैटिक यौगिक - वे सभी यौगिक, जिनके अणुओं में कार्बन के सभी परमाणु खुली श्रृंखला में सीधे अथवा शाखायुक्त रूप में व्यवस्थित होते है, ऐलिफैटिक अथवा विवृत 'शृंखला यौगिक कहलाते हैं। चूँकि अधिकतर विवृत श्रृंखला वाले यौगिकों कों वसाओं (fats) से प्राप्त किया जाता था; अत इन्हें ऐलिफैटिक यौगिक कहा जाने लगा। ऐलिफैटिक शब्द ग्रीक शब्द ऐलीफर (aleiphar) से बना है, जिसका आशय है - वसा या चर्बी। ऐलिफैटिक यौगिकों के कुछ उदाहरण अग्रवत हैं-
ऐलीफैटिक यौगिक संतृप्त तथा असंतृप्त दोनों प्रकार के होते हैं| एथेन और ब्युतें संतृप्त यौगिक हैं तथा ऐसीटीलिनअसंतृप्त यौगिक है|
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