Jagranjosh प्रस्तुत करता है UP Board कक्षा 12वी का साल्व्ड प्रैक्टिस प्रश्न पत्र जो आने वाले जीवविज्ञान परीक्षा सत्र 2016 – 17 के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है | यह प्रैक्टिस पेपर पिछले वर्ष प्रश्न पत्रों का संक्षिप्त विश्लेषण करने के बाद jagranjosh के जीवविज्ञान विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया गया है |
यूपी बोर्ड कक्षा 12वीं जीवविज्ञान प्रैक्टिस प्रश्न पत्र की विशेष जानकारी :
संक्षिप्त विश्लेषण के बाद यह पूर्ण रूप से प्रतीत होता है की परीक्षा प्रश्न पत्र में ऐसे काफी प्रश्न होते है जो परीक्षा में बार- बार दोहराए जाते हैं | इसलिए पुरे संशोधन के बाद jagranjosh ने सभी कांसेप्ट बेस्ड प्रश्नों के आधार पर इस प्रैक्टिस प्रश्न पत्र को तैयार किया हैं जो 2017 में होने वाले परीक्षा के लिए काफी सहायक होंगे | इस प्रश्न पत्र में सभी उत्तर विस्तारित रूप से हिंदी में हल किये गए हैं |
कुछ साल्व्ड प्रश्न और उनकें उत्तर यह हम आपको सैंपल के तौर पर उपलब्ध कर रहे हैं :
प्रश्न : सही विकल्प चुनकर अपनी उत्तर– पुस्तिका में लिखिए–
(क) वाइरसों का आनुवंशिक पदार्थ होता है-
(i) डीo एनo एo अथवा आरo एनo एo
(ii) केवल डीo एनo एo
(iii) केवल आरo एनo एo
(iv) डीo एनo एo तथा आरo एनo एo
उत्तर: (i) डीo एनo एo अथवा आरo एनo एo|
(ख) निम्नलिखित में से कौन सरीसृपों एवं पक्षियो को जोड़ने की कड़ी माना
जाता है –
(i) ड्रेको
(ii) चमगादड़
(iii) आर्किऑप्टेरिक्स
(iv) पेरीपेटस l
उत्तर: (iii) आर्किऑप्टेरिक्स l
(ग) वास्तविक केन्द्रक किसमें नहीं पाया जाता है
(i) हरे शैवाल में
(ii) ट्रिपैनोसोमा में
(iii) जीवाणु में
(iv) एंटअमीबा में
उत्तर: (iii)जीवाणु में
(घ) वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम किस सन्न में पारित किया गया था |
(i) 1949
(ii) 1972
(iii) 1912
(iv) 1991
उत्तर: (ii) 1972
प्रश्न : मेंडेल ने अपने प्रयोग के लिए कितने लक्षणों का चुनाव किया किन्हीं दो लक्षणों के नाम लिखिए l
उत्तर: मेंडेल ने 7 तुलनात्मक लक्षणों का चुनाव अपने प्रयोग के लिए किया l
जैसे – (1) लम्बे और बौने पौधे
(2) बैगनी और सफ़ेद पुष्प
(3) गोल एवं झुरींदार बीज
प्रश्न: मनुष्य में लिंग निर्धारण कैसे होता है?
उत्तर: प्युरीन (Purine)– ये ऐडनीन (adeadenine) तथा ग्वानीन (guanine) होते है|
प्रश्न : जीनी अभियांत्रिकी क्या होती है इसे ‘पुनसर्योजी’ डी एन ए प्रोधौगिकी क्यों कहते है मानव हित में इसकी उपयोगिता का उल्लेख कीजिए |
उत्तर: आनुवंशिक या जीनी अभियांत्रिकी (Genetic enegineering):
इसके अंतर्गत DNA का कृत्रिम संश्लेषण दो पृथक DNA खंडो को जोड़ना DNA की मरम्मत DNA के कुछ न्युकिल्योटड्स को पृथक करके बदलना इचिद्ता जिन को स्थापित करना आदि क्रियाएँ आती है इस कारण इसे पुनः संयोजी DNA प्रौधोगिकी भी कहते है अनुवंशिक इंजीनियरिंग का प्रयोग अनुसन्धान कार्य के लिए तथा अनेक व्यावसायिक उत्पादनों के लिए किया जा रहा है आनुवंशिक इंजीनियरिंग की सहयाता से मानव जिन्स की खोज रोंगो के कारणों की खोज की गई है रोंगो के उपचार में भी सहायता मिल रही है
आनुवंशिक अभियांत्रिकी के अनुप्रयोग :
(i) आनुवंशिक रोगों की पहचान करना |
(ii) व्यक्तिगत जिन्स को पृथक करना
(iii) आनुवंशिक रोगों का उपचार
(iv) व्यावसायिक उत्पाद
जैसे: फ्लेवर सेवर टमाटर, मानव इन्सुलिन, मानव वृद्धि हार्मोन, विभिन्न रोगों के टीकों का उत्पादन, कीट प्रतिरोधी, जीवाणु प्रतिरोधी, विषाणु प्रतिरोधी पौधे तैयार करना आदि |
पुरे प्रश्न पत्र के लिए यहाँ पर क्लिक करें
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