व्यक्ति अपनी असफलताओं से सीख ले कर ही कामयाबी हासिल करता है। रोहित नेमा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ जिन्होंने चार बार UPSC की प्रीलिम्स परीक्षा तो पास की परन्तु सेलेक्ट नहीं हो सके। हालाँकि वह हर बार प्रयास करते रहे और एक दिन सफलता भी मिली। अपनी इन असफलताओं से सीख ले कर अब रोहित दूसरे अभ्यर्थियों के साथ अपनी तैयारी की रणनीति साझा कर रहे हैं। उन्होनें अपनी इस तैयारी को 6 पोइंट्स में बाँटा है। आइये जानते हैं क्या है उनकी यह रणनीति।
कैसे करें बिना कोचिंग के UPSC क्लियर?: जानें IAS गंधर्व राठौर से टिप्स एवं स्ट्रेटेजी
करंट अफेयर्स पर रखें फोकस पर स्टैटिक को ना करें नज़रअंदाज़
रोहित कहते हैं कि प्रीलिम्स की तैयारी में करंट अफेयर्स का अहम् रोल है। परन्तु यह काफी वास्ट एरिया है और इसे कवर करने के साथ साथ स्टैटिक सिलेबस पर भी बराबर फोकस रखना चाहिए। करंट अफेयर्स के लिए रोहित केवल एक से दो मैगज़ीन को ही रेफेर करते थे ताकि जो एक में मिस हो उसे वह दूसरे मैगज़ीन में पढ़ सके। स्थैतिक के लिए उनका कहना है कि कुछ ऐसे टॉपिक्स और सब्जेक्ट हैं जिन्हें बार बार पढ़ना चाहिए जैसे कि इंडियन पॉलिटी के लिए लक्ष्मीकांत, इकनोमिक सर्वे इत्यादि।
प्रीलिम्स से पहले दें ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट
प्रीलिम्स से पहले अपनी तैयारी के बारे में वह कहते हैं कि "मैंने प्रीलिम्स की अत्यधिक पढ़ाई मोक टेस्ट के द्वारा ही की है। हर मॉक पेपर में मैं केवल 30 से 35 प्रश्न ही हल कर पाता था। इससे मुझे हर मॉक टेस्ट से 60-65 ऐसे नए क्वेश्चन मिल जाते थे जो मैंने नहीं पढ़े थे और मैं उन टॉपिक्स को बेहतर ढंग से तैयार करता था। इससे मैं 2 से 3 घंटे में ही 60-65 नए टॉपिक्स के बारे में जान लेता था।" इसके अलावा रोहित कहते हैं कि ज़्यादा से ज़्यादा मॉक सोल्व करने से आपका माइंड हर प्रश्न और टॉपिक को 4 ऑप्शन में से एक सही चुनने के लिए बेहतर तैयारी कर पाता है।
प्रीलिम्स से पहले दें 30-35 मॉक टेस्ट
रोहित प्रीलिम्स के 2 महीने पहले से हर दिन एक मॉक पेपर सोल्व करते थे। हालांकि वह सलाह देते है कि यह आपकी तैयारी पर निर्भर करता है कि आप कितने मॉक टेस्ट दे सकते हैं। रोहित का सुझाव है कि अभ्यर्थियों को प्रीलिम्स परीक्षा की तारीख तक कम से कम 30 से 35 मॉक टेस्ट सॉल्व करने चाहिए।
प्रीलिम्स में क्वेश्चन अपनी क्षमता के अनुसार करें एटेम्पट
अक्सर टोपर UPSC प्रीलिम्स परीक्षा में 80 से 90 क्वेश्चन एटेम्पट करने की सलाह देते हैं। रोहित बताते हैं कि उन्होने अपने हर प्रीलिम्स एग्जाम में 95 से अधिक प्रश्न हल किए थे। इसका कारण यह है कि मॉक के दौरान ही उन्हें यह पता चल गया था कि वह अक्सर कई प्रश्न गलत कर देते हैं जिससे नेगेटिव मार्किंग की वजह से उनका स्कोर कम हो जाता था। इसीलिए वह प्रीलिम्स में ज़्यादा से ज़्यादा प्रश्न हल करते थे। परन्तु यह स्ट्रेटेजी सबके लिए सही साबित नहीं होती है। इसीलिए मॉक के दौरान ही अपनी क्षमता को पहचाने और उसी के हिसाब से प्रश्न हल करें।
CSAT की तैयारी को ना करें इग्नोर
रोहित का कहना है कि GS की तैयारी में CSAT को इग्नोर करना भारी हो सकता है। यदि आपने 12वीं के बाद मैथ्स नहीं पढ़ा है तो ज़रूरी है की आप इस पेपर की तैयारी करें। प्रीलिम्स से पहले 7 से 8 मॉक टेस्ट सोल्व करें जिससे आपको अपनी तैयारी का पता रहे। रोहित CSAT में मिनिमम 50 प्रश्न हल करने की सलाह देते हैं। उनका कहना है की क्वालीफाइंग पेपर समझ कर मार्जिन पर क्वेश्चन न करें बल्कि सेफ साइड के लिए 50 प्रश्न ज़रूर है करें।
पेपर सॉल्व करते समय कॉमन सेंस का करे इस्तेमाल
पेपर से पहले और पेपर के दिन अक्सर उम्मीदवार नर्वस हो कर पेपर में कंफ्यूज हो जाते हैं। रोहित सुझाते हैं कि प्रीलिम्स में काफी प्रश्न केवल कॉमन सेंस से ही सोल्व किये जा सकते हैं। पेपर से एक रात पहले अक्सर नींद नहीं आती है और यह सभी के साथ होता है। इसलिए नर्वस न हों और एकाग्रता और कॉन्फिडेंस के साथ पेपर को सॉल्व करें।
UPSC अभ्यर्थियों की मदद के लिए यह IAS अफसर देते हैं Whatsapp के द्वारा फ्री कोचिंग
Comments
All Comments (0)
Join the conversation