अगर आप में है यह 10 गुण है, तो आप बन सकते है आईएएस

Jun 29, 2016, 16:56 IST

हर वर्ष लाखों विद्यार्थी आईएएस बनने की आकांक्षा लिए अपने कैरियर के पथ पर आगे बढ़ते हैं.

हर वर्ष लाखों विद्यार्थी आईएएस बनने की आकांक्षा लिए अपने कैरियर के पथ पर आगे बढ़ते हैं. सरकारी क्षेत्र के कैरियरों में से यह सबसे वांछनीय कैरियर माना जाता है. यह वह कैरियर है जो उम्मीदवारों की मौद्रिक आकांक्षा पूरी करने के साथ-साथ उन्हें सरकारी मशीनरी के उस स्तर पर शामिल होने का मौका देती है जिसमें वे लोगों के लिए कार्य कर सकें. इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने के बाद हासिल पद हमें शक्ति, अधिकार एवं निर्णय करने की उस हद तक छूट देती है जिस अधिकार का प्रयोग कर हम लोक हित में काम कर सकते हैं. किसी भी विद्यार्थी को आईएएस परीक्षा की तैयारी करने हेतु यह प्रेरित करती है.

संघ लोक सेवा आयोग हर वर्ष सिविल सर्विस परीक्षा का आयोजन करती है ताकि वो योग्य उम्मीदवार को आईएएस, आईपीएस एवं अन्य केन्द्रीय सेवा पद पर काबिज कर सकें. आईएएस परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है इस लिए इस परीक्षा में सफल होने के लिए निरंतरता के साथ कठिन परिश्रम की आवश्यकता है.

हालाँकि सिविल सेवा परीक्षा में पास कर जाने तक ही उम्मीदवार की योग्यता का अंतिम परिक्षण नही होता. सरकारी तंत्र के अंग बनने पर हर कदम पर एकेडमिक योग्यता एवं बौद्धिकता से कहीं अधिक क्षमता की जरुरत पड़ती. इस प्रकार आईएएस परीक्षा की तैयारी करने वाले उम्मीदवार को संघ लोक सेवा आयोग द्वारा निर्धारित परीक्षा के लिए आवश्यक योग्यता से अधिक योग्य होना आवश्यक है तभी उन्हें जो पद एवं ओहदों के अनुसार कार्य सौंपे जायंगे वे बखूबी एवं कुशलता से कर पाएंगे. इस प्रकार इस परीक्षा के पास करने के बाद भी हमारे आगे की चुनौतियाँ समाप्त नही हो जाती अपितु पद सँभालने के बाद चुनौतियाँ और भी बढ़ जाती है. इस लिए आने वाली हर चुनौतियों का सामना करने के लिए आईएएस अधिकारी में कुछ प्रमुख गुण होने चाहिए या ये गुण अपने अन्दर विकसित करने चाहिए ताकि वे कर्तव्यों का कुशलता पूर्वक निर्वहन कर पाएंगे. एक आईएएस ऑफिसर में नीचे दिए गए ये गुण अनिवार्य रूप से होने चाहिए-

नेतृत्व:

एक आईएएस ऑफिसर को सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करना होता है. सरकार के अंग के रूप में कार्य करने के नाते एक आईएएस ऑफिसर में असाधारण नेतृत्व कौशल की आवश्यकता होती है जिससे वे दूसरों को समेकित लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में प्रेरित कर भारत के विकास एवं लोगों के कल्याण के लिए कार्य कर सकें.

प्रशासन:

एक आईएएस ऑफिसर को सभी जिम्मेदारियों में से एक प्रमुख जिम्मेदारी यह सौंपी जाती है कि वे अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाले सभी प्रशासनिक मामलों की देख रेख करे. इस जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए उन्हें सभी प्रशासनिक कार्यों के ज्ञान रखने के साथ साथ एक आम सहमति बनानी पड़ती है और इसलिए उसे ऐसे गुणों का होना बहुत आवश्यक होता है.

निर्णायक दृष्टिकोण:

कई बार  एक आईएएस अधिकारी सामने ऐसे मुश्किल स्थिति सामने आती है कि ऐसे हालात को संभालने के लिए उसे त्वरित निर्णय लेने पड़ते है. इसके लिए उसे उपलब्ध सभी विकल्पों और उनके संभावित परिणामों का मूल्यांकन करने की जरूरत होती है.  इस के लिए उसके अन्दर एक निर्णायक दृष्टिकोण की जरूरत है.

ज्ञान:

निसंदेह ज्ञान पृथ्वी पर सबसे महत्वपूर्ण संसाधन है  और यह एक आईएएस अधिकारी को अपना कार्यों के संचालन के लिए यह काफी आवश्यक है.  उन्हें ज्ञान और बुद्धिमान होने के नाते मदद मिलेगी  जिस से  न केवल बहुत प्रभावी ढंग से सरकारी नीतियों को लागू करने में बल्कि ,किसी भी प्रशासनिक समस्याओं को समझने में मदद मिलेगी.

मेहनती और प्रतिबद्धता:

अगर आईएएस अधिकारी के लिए एक दुष्कर कार्य मिल जाए, तो क्या आप उसके समाधान का इंतजार करेंगे. हरगिज नहीं बल्कि आईएएस  को अलग अलग डोमेन से जिम्मेदारियों को समझने और इनके प्रबंधन में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए उनके काम करने के लिए प्रतिबद्ध होना जरुरी है.

ईमानदारी:

भ्रष्टाचार सरकारी तंत्र में लंबे समय तक चलने और प्रभावी समाधान निकलना आज सबसे आवश्यक है और सच्चाई यह है की आज भी  कई सरकारों के कई प्रयासों के बावजूद सबसे बड़ी समस्या है. प्रशासन, वित्त और क्षेत्र की कानून-व्यवस्था के लिए जिम्मेदार होने के नाते  एक आईएएस अधिकारी को इस समस्या पर अंकुश लगाने के लिए अपार शक्ति है और इसके लिए  व्यक्तिगत निष्ठा और ईमानदारी की उच्च भावना के साथ भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं के खिलाफ आरोप का नेतृत्व करने की क्षमता आवश्यक है.

अच्छा संचार कौशल:

एक कुशल प्रशासक के रूप में  एक आईएएस अधिकारी में अच्छा संचार कौशल की जरूरत हमेशा होती है. एक आईएएस अधिकारी को उच्च गणमान्य व्यक्तियों से मिलना होता है और प्रभावी संचार कौशल इसके लिए काफी आवश्यक होती है.

बॉक्स से बहार होकर सोचना:

भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में सरकारी मशीनरी का हिस्सा होने में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि प्रत्येक क्षेत्र और क्षेत्र में समस्याओं का बेहद अलग समाधान देना. समस्याओं के समाधान के लिए बॉक्स से बहार होकर सोचना आवश्यक गुण है जो की अधिकारी की लिए आवश्यक है.

काम की नैतिकता:

आईएएस अधिकारी के अन्दर नैतिकता होनी चाहिए और तभी वह एक आदर्श कायम रख सकता.  समय पर कार्यालय तक पहुंचना तथा  व्यक्तिगत लाभ के लिए सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से बचने के साथ ही अपने कर्तव्यों का पालन करने के साथ ही  जूनियर और अन्य संबद्ध लोगो के लिए एक मिसाल कायम करना आवश्यक है.

देश प्रेम:

यह एक सबसे महत्वपूर्ण गुण है कि जो एक आईएएस अधिकारी के पास जाना चाहिए है. किसी के निजी हित से पहले अपने देश हित को सर्वोपरि रखना ऐसा गुण है जो की अधिकारियो को दिखाना आवश्यक है.  सबसे महत्वपूर्ण काम है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए भारत के निर्माण  और व्यक्ति के सभी कार्यों का मार्गदर्शन करना ताकि लोग इससे लाभ उठा सकें.

Jagran Josh
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Education Desk

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