अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) देश के उन चुनिंदा विश्वविद्यालयों में शुमार हो गया है, जहां रेडियो टेलीस्कोप हैं. इसके जरिये यहां के छात्र चांद-सितारों की चाल तो नाप ही सकेंगे, मौसमी बदलाव पर भी करीब से नजर रख सकेंगे. चांद के धरातल की स्पष्ट तस्वीरें भी ली जा सकेंगी.
यह रेडियो टेलीस्कोप एएमयू के भौतिक विान विभाग को मिला है. इसे अमेरिका की कंपनी से 15 लाख रुपये में खरीदा गया है. इसका एक हिस्सा पिछले साल अक्टूबर में ही आ गया था, दूसरा अब आ सका है. यह टेलीस्कोप एएमयू में भौतिक विज्ञान विभाग की छत पर स्थापित किया जाएगा. इसके लिए वहां एक कमरा तैयार कर लिया गया है. ओलावृष्टि या अन्य हालात बिगड़ने पर टेलीस्कोप को एक घूम सकने योग्य ट्रॉली में रखा जाएगा ताकि उसे कमरे में लाया जा सके. इसका बेस तैयार हो चुका है. 17 सितंबर को इसका उद्घाटन होगा.
यह है खासियत : रेडियो-टेलीस्कोप एक अत्याधुनिक किस्म का टेलीस्कोप है. इसका लेंस 14 इंच का है. इसकी खासियत यह कि पृथ्वी की गति के हिसाब से इसे फिट करके चंद्रमा या दूसरे ग्रहों-उपग्रहों की गति को रिकार्ड किया जा सकता है. तारों की स्थिति और उनसे निकलने वाली किरणों (विकिरण) का भी अध्ययन कर सकेंगे. इससे चांद, मंगल आदि की स्पष्ट तस्वीरें भी ली जा सकेंगी.
दो टेलीस्कोप : एएमयू के पास दो टेलीस्कोप पहले से हैं, लेकिन वे इतनी क्षमता वाले नहीं हैं. इनमें से एक का लेंस चार इंच का है तो दूसरे का छह इंच का. इनसे अत्याधुनिक शोध कार्य नहीं हो पा रहे थे.
होगी रिसर्च : भौतिकी में एमएससी व उसके आगे के शोध कार्यो में लगे छात्रों के लिए यह टेलीस्कोप खासा मददगार होगा. एमएससी अंतिम वर्ष के छात्रों को रेडियो टेलीस्कोप की ट्रेनिंग भी दी जाएगी. नैनीताल स्थित आर्य भट्ट इंस्टीट्यूट के टेलीस्कोप विशेषा डॉ. राम सागर 13 अगस्त को इसी सिलसिले में एएमयू आए थे. वे यहां के छात्रों को रिसर्च कराएंगे.
मौसम की भविष्यवाणी : रेडियो टेलीस्कोप से मौसम का हाल भी लिया जा सकेगा. मानसून से पहले और बाद की स्थिति का पूर्वानुमान भी किया जा सकेगा.
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